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Sat. Sep 13th, 2025

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली।भारत में बैन हुई फिल्म – पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान (Fawad Khan) और बॉलीवुड अभिनेत्री वाणी कपूर (Vaani Kapoor) की विवादास्पद फिल्म ‘आबीर गुलाल’ (Aabeer Gulaal) को लेकर भारत में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह फिल्म 12 सितंबर को भारत को छोड़कर दुनियाभर में रिलीज़ हो गई। हालांकि इसे पहले 9 मई 2025 को रिलीज़ होना था, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद बढ़े राजनीतिक तनाव के चलते भारत सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया।

बैन हुई फिल्म की कहानी क्या है?

‘आबीर गुलाल’ एक राजनीतिक ड्रामा है जिसमें फवाद खान एक विद्रोही पत्रकार का किरदार निभा रहे हैं, जो व्यवस्था की सच्चाई को उजागर करने की कोशिश करता है। वहीं वाणी कपूर एक सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका में हैं, जो हाशिए पर खड़े लोगों की आवाज़ बनती है। दोनों किरदारों की मुलाकात और संघर्ष इस फिल्म का मुख्य आधार है।

फिल्म का शीर्षक ‘आबीर गुलाल’ भारतीय सांस्कृतिक प्रतीकों से जुड़ा है और यही कारण है कि फिल्म पर आरोप लगाया जा रहा है कि यह संवेदनशील विषयों को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है।

भारत में क्यों बैन हुई फिल्म?

भारत सरकार ने फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने के पीछे कई कारण बताए –

  1. पहलगाम आतंकी हमला – 9 मई से पहले घाटी में हुए हमले में कई जवान शहीद हुए थे।
  2. संवेदनशील सामग्री – फिल्म में ऐसे दृश्य और संवाद बताए गए हैं जो भारत की छवि और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ माने गए।
  3. पाकिस्तानी कलाकारों की मौजूदगी – पहले से ही भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के काम पर रोक लगी है। ऐसे में फवाद खान की मुख्य भूमिका ने विवाद को और बढ़ा दिया।

सूत्रों के मुताबिक, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को इस फिल्म को लेकर कई शिकायतें मिलीं, जिसके बाद सेंसर बोर्ड ने इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया।

विदेशों में कैसा रिस्पॉन्स?

भारत में बैन के बावजूद फिल्म को दुबई, लंदन, टोरंटो और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में ज़बरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। पहले ही दिन के शो हाउसफुल रहे और अंतरराष्ट्रीय समीक्षकों ने फवाद खान और वाणी कपूर की अदाकारी की तारीफ की।

कई विदेशी समीक्षकों ने लिखा कि फिल्म ने राजनीतिक ड्रामा को एक नए अंदाज़ में पेश किया है। हालांकि, भारतीय दर्शकों के बिना फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर असर पड़ना तय है।

बैन होले पर बॉलीवुड का रुख

बॉलीवुड में इस फिल्म को लेकर दो हिस्से दिखाई दिए।

समर्थन में: कुछ कलाकारों का कहना है कि सिनेमा का राजनीति और आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए। कला और कलाकार की कोई सीमा नहीं होती।

विरोध में: वहीं दूसरी तरफ कई दिग्गज अभिनेता और निर्देशक मानते हैं कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को शह देता रहेगा, तब तक उसके कलाकारों के लिए भारत में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

राजनीतिक विवाद

भारत में विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को हवा दी। कुछ दलों ने सरकार से पूछा कि अगर फिल्म इतनी आपत्तिजनक थी तो इसे विदेशों में रिलीज़ होने से रोकने की कोशिश क्यों नहीं हुई? दूसरी तरफ भाजपा नेताओं ने साफ कहा कि भारत के कानून और राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं, इसलिए यह फिल्म यहां रिलीज़ नहीं हो सकती।

सोशल मीडिया पर भी ‘आबीर गुलाल’ पर जमकर बहस हो रही है। ट्विटर (अब X) पर #BanAabeerGulaal और #SupportCinema दोनों हैशटैग ट्रेंड कर चुके हैं।

वाणी कपूर और फवाद खान की प्रतिक्रिया

वाणी कपूर ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर कहा – “हमने यह फिल्म कला और समाज की सच्चाई दिखाने के लिए बनाई है। दुख है कि भारत में दर्शक इसे नहीं देख पाएंगे।”

फवाद खान ने एक इंटरव्यू में कहा – “सिनेमा को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि एक दिन यह फिल्म भारत में भी रिलीज़ होगी।”

दर्शकों की नाराज़गी

भारत में आम दर्शक भी बंटे हुए नज़र आते हैं।

कुछ लोगों का कहना है कि आतंकवाद से पीड़ित देश में पाकिस्तानी कलाकारों की फिल्म दिखाना शहीदों के बलिदान का अपमान है।

जबकि दूसरी तरफ फिल्मप्रेमियों का कहना है कि राजनीति को कला से दूर रखना चाहिए।

बैन फिल्म पर सैंसर बोर्ड का बयान

सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने साफ कहा कि फिल्म के कुछ संवाद और दृश्य राष्ट्रीय हितों के खिलाफ पाए गए। इसके अलावा, कहानी की पृष्ठभूमि को “संवेदनशील क्षेत्र” में फिल्माना भी विवाद का कारण बना। इसलिए बोर्ड ने इसे भारत में प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया।

आगे का रास्ता

‘आबीर गुलाल’ का विवाद यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर कला की सीमा कहाँ तक है? क्या सिनेमा पूरी तरह स्वतंत्र होना चाहिए या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा और संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर निर्णय लेना चाहिए?

फिलहाल, भारत में इस फिल्म के रिलीज़ होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रही सफलता को देखते हुए मेकर्स उम्मीद कर रहे हैं कि कभी न कभी यह फिल्म भारतीय दर्शकों तक भी पहुंचेगी।

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