बॉलीवुड की क्वीन कही जाने वाली कंगना रनौत अपने बयानों और ट्वीट्स के कारण अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। कई बार उनके तेवर और बेबाक अंदाज उन्हें लोगों के बीच चर्चा का विषय बना देते हैं, तो कई बार इन्हीं बयानों की वजह से उन्हें विवादों का सामना भी करना पड़ता है। हाल ही में उनके खिलाफ चल रहे मानहानि केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा फैसला आया है, जिसने एक बार फिर कंगना रनौत को कानूनी मुश्किलों में डाल दिया है।
कंगना की मानहानि केस की पृष्ठभूमि
किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कई बयान दिए थे। उन्हीं बयानों में से एक विवादित ट्वीट के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया था। किसानों और उनसे जुड़े लोगों को लेकर दिए गए उनके ट्वीट्स ने न केवल सोशल मीडिया पर बवाल खड़ा किया बल्कि अदालत तक मामला पहुंच गया।
कंगना रनौत ने इस मामले में राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। अदालत के इस रुख ने अभिनेत्री के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर दी और उन्हें अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
सुप्रीम कोर्ट ने कंगना रनौत की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि इस मामले में राहत देना संभव नहीं है। अदालत ने कहा कि मानहानि से जुड़े मामलों में संबंधित पक्षों को निचली अदालत में ही अपने तर्क और साक्ष्य पेश करने होंगे। सुप्रीम कोर्ट इस स्तर पर मामले को हस्तक्षेप योग्य नहीं मानता।
यह फैसला कंगना रनौत के लिए किसी झटके से कम नहीं है, क्योंकि उन्होंने उम्मीद की थी कि सर्वोच्च न्यायालय से उन्हें राहत मिलेगी। लेकिन अब उन्हें निचली अदालत में इस केस का सामना करना पड़ेगा।
किसानों से जुड़ा विवाद
कंगना रनौत और किसानों के बीच यह विवाद नया नहीं है। किसान आंदोलन के समय उन्होंने कई ऐसे बयान दिए जो विवादित साबित हुए। उनके कुछ ट्वीट्स पर किसानों ने कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि कंगना आंदोलन की छवि खराब करने की कोशिश कर रही हैं।
उनका एक ट्वीट खासकर काफी विवादों में रहा, जिसमें उन्होंने एक बुजुर्ग महिला की तस्वीर साझा कर किसानों के आंदोलन को ‘राजनीतिक एजेंडा’ बताया था। इस ट्वीट के बाद कई किसान संगठनों ने कंगना के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
कंगना को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
जैसे ही खबर आई कि सुप्रीम कोर्ट ने कंगना की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। उनके समर्थकों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया, वहीं विरोधियों ने कहा कि किसी को भी किसी समुदाय की छवि धूमिल करने का अधिकार नहीं है।
कई लोगों का मानना है कि कंगना रनौत को अपनी भाषा और शब्दों का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए। जबकि उनके प्रशंसकों का कहना है कि वह सिर्फ सच्चाई बोलती हैं और इसी वजह से बार-बार विवादों में फंस जाती हैं।
कंगना का बयान
हालांकि इस पूरे मामले पर कंगना रनौत ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करती हैं। कंगना का मानना है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और उसमें “मसाला” डालकर विवाद खड़ा किया गया।
बॉलीवुड और राजनीति में कंगना की छवि
कंगना रनौत न सिर्फ एक सफल अभिनेत्री हैं, बल्कि अपने बेबाक बयानों के लिए भी मशहूर हैं। वह कई बार बॉलीवुड के अंदरूनी मामलों, नेपोटिज्म और राजनीति से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बोल चुकी हैं। यही वजह है कि वह लगातार विवादों से घिरी रहती हैं।
राजनीति में भी कंगना का दखल बढ़ता जा रहा है। हाल ही में उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी जीता है। उनकी यह पहचान भी उनके बयानों को और ज्यादा असरदार बना देती है।
आगे की राह
सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद अब कंगना रनौत को निचली अदालत में मानहानि केस का सामना करना होगा। इस प्रक्रिया में समय और ऊर्जा दोनों लगेंगे। साथ ही, अगर अदालत उनके खिलाफ फैसला सुनाती है तो यह उनकी राजनीतिक और फिल्मी छवि दोनों पर असर डाल सकता है।
हालांकि कंगना के समर्थकों का मानना है कि वह इस केस को भी मजबूती से लड़ेंगी और अंततः जीत हासिल करेंगी। लेकिन विरोधी गुट इस बात पर अडिग है कि किसी को भी किसानों की गरिमा के खिलाफ टिप्पणी करने की छूट नहीं दी जा सकती।
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