गुरुग्राम के सेक्टर 57 में हुई 25 वर्षीय राधिका यादव की दर्दनाक हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। इस सनसनीखेज मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है। गुरुग्राम कोर्ट ने शनिवार को आरोपी और राधिका के पिता दीपक यादव को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह फैसला घटना की गंभीरता और पुलिस जांच की आवश्यकता को देखते हुए लिया गया।
क्या है गुरुग्राम का पूरा मामला?
यह मामला 25 वर्षीय युवती राधिका यादव की हत्या से जुड़ा है, जो गुरुवार को गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित सुषांत लोक में मृत पाई गई थी। शुरुआती जांच में राधिका के पिता दीपक यादव को मुख्य आरोपी माना गया। पुलिस का कहना है कि परिवार के भीतर तनाव और मानसिक तनाव की स्थिति लंबे समय से चल रही थी, जिसके चलते यह क्रूर घटना घटी।
राधिका की मां ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि पिता-पुत्री के बीच काफी समय से संबंध खराब चल रहे थे और पिछले कुछ महीनों में स्थिति ज्यादा बिगड़ गई थी।
कोर्ट ने क्या कहा?
शनिवार को पेशी के दौरान कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी दीपक यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। कोर्ट ने पुलिस से यह भी कहा कि जांच पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की जाए। कोर्ट ने राधिका की मौत के कारणों की गहराई से पड़ताल करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही केस से जुड़े डिजिटल और फोरेंसिक सबूतों को जल्द प्रस्तुत करने को कहा है।
गुरुग्राम पुलिस की जांच में क्या सामने आया?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, राधिका की हत्या बेहद योजनाबद्ध तरीके से की गई। घर में कोई जबरन घुसपैठ नहीं हुई थी, जिससे शक घर के ही किसी सदस्य पर गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में राधिका की मौत दम घुटने से होने की पुष्टि हुई है। जांच में यह भी सामने आया कि राधिका के फोन और लैपटॉप से कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिससे मामले में कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
परिवार में लंबे समय से विवाद
स्थानीय लोगों के अनुसार, राधिका अपने माता-पिता के साथ पिछले 10 सालों से गुरुग्राम में रह रही थी। वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करती थी और आत्मनिर्भर थी। पिता दीपक यादव, एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं। पड़ोसियों का कहना है कि अक्सर घर से झगड़े की आवाजें आती थीं, लेकिन किसी को यह अंदाजा नहीं था कि मामला इतना खतरनाक रूप ले लेगा।
समाज में आक्रोश और सवाल
राधिका की हत्या ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर #JusticeForRadhika ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इसे ‘घरेलू हिंसा का वीभत्स रूप’ बताया है। कई लोग यह सवाल भी उठा रहे हैं कि अगर समय रहते प्रशासन या पड़ोसियों ने हस्तक्षेप किया होता, तो क्या राधिका की जान बचाई जा सकती थी?
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