प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के दरांग जिले से एक बार फिर बड़े पैमाने पर विकास योजनाओं का ऐलान किया। रविवार को आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने 18,530 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने न केवल विकास योजनाओं की झड़ी लगाई बल्कि अपने भाषण में कांग्रेस पार्टी पर तीखे हमले भी बोले।
पीएम ने दिया शिवभक्ति और राजनीतिक संदेश
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को भगवान शिव का भक्त बताया। उन्होंने कहा – “मैं तो भगवान शिव का भक्त हूं और दुश्मनों के द्वारा दिया गया सारा जहर निगल जाता हूं।”
पीएम मोदी के इस बयान को एक बड़े राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने संकेत दिया कि चाहे विपक्ष उन पर कितने भी हमले करे, वे दृढ़ता से देश और जनता की सेवा के लिए काम करते रहेंगे।
पाीएम ने दीं असम को बड़ी सौगात
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कई बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें सड़क, रेल, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे से जुड़ी योजनाएँ शामिल हैं। इन परियोजनाओं पर कुल 18,530 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से न केवल असम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को गति मिलेगी। उनका कहना था कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और अब यह क्षेत्र देश की प्रगति का मजबूत स्तंभ बन रहा है।
पूर्वोत्तर की राजनीति में बदलाव
पीएम मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि पूर्वोत्तर अब उपेक्षा का शिकार क्षेत्र नहीं बल्कि विकास की नई पहचान बन चुका है। उन्होंने कहा कि पहले यहां केवल वादे किए जाते थे लेकिन अब योजनाएँ धरातल पर उतर रही हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सड़क और रेल नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ है, नई मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों का निर्माण हो रहा है, साथ ही युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर बढ़ रहे हैं।
पीएम का सीधा कांग्रेस पर हमला
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रविरोधी ताकतों का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवादियों का समर्थन किया और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हमेशा देश के साथ विश्वासघात किया।
मोदी ने कहा कि देश की जनता अब कांग्रेस की सच्चाई को जान चुकी है और इसलिए कांग्रेस लगातार जनता का विश्वास खो रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे उन ताकतों को पहचानें जो देश को कमजोर करना चाहती हैं।
विकास बनाम राजनीति
पीएम मोदी का यह दौरा केवल विकास परियोजनाओं तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने इसे राजनीतिक संदेश देने का भी मंच बनाया। असम और पूर्वोत्तर भारत की राजनीति में बीजेपी लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रही है। प्रधानमंत्री ने इस रैली के जरिए यह दिखाने की कोशिश की कि केंद्र सरकार विकास कार्यों के बल पर लोगों का भरोसा जीत रही है, जबकि कांग्रेस केवल आरोप-प्रत्यारोप में लगी हुई है।
शिवभक्ति का प्रतीकात्मक महत्व
प्रधानमंत्री मोदी के “भगवान शिव का भक्त” बयान को गहरी राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी देखा जा रहा है। असम और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में शिवभक्ति और धार्मिक आस्था का गहरा प्रभाव है। मोदी ने यह संदेश देकर लोगों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को और मजबूत करने का प्रयास किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोदी के इस बयान का मकसद न केवल विपक्षी हमलों का जवाब देना था, बल्कि जनता को यह विश्वास दिलाना भी था कि वे हर कठिनाई का सामना कर देश को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
युवाओं और किसानों पर फोकस
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में युवाओं और किसानों को भी विशेष रूप से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि असम के युवाओं के पास अब पहले से अधिक अवसर हैं। नई योजनाएँ रोजगार, शिक्षा और उद्यमिता को बढ़ावा देंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के लिए आधुनिक तकनीक, सिंचाई सुविधाओं और फसल की बेहतर कीमत सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। मोदी ने आश्वासन दिया कि पूर्वोत्तर के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए और कदम उठाए जाएंगे।
राष्ट्रीय राजनीति का संकेत
विशेषज्ञ मानते हैं कि असम में पीएम मोदी का यह दौरा केवल क्षेत्रीय विकास का संदेश नहीं था बल्कि राष्ट्रीय राजनीति की दिशा भी तय करता है। उनके भाषण में कांग्रेस पर किए गए हमले, आने वाले चुनावी माहौल की झलक देते हैं।
मोदी का यह कहना कि कांग्रेस राष्ट्रविरोधी ताकतों का साथ देती रही है, चुनावी प्रचार का अहम मुद्दा बन सकता है।
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