बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने एक बड़ा बयान देकर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। रविवार को छपरा के राजेंद्र स्टेडियम में आयोजित ‘नव संकल्प महासभा’ को संबोधित करते हुए उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि, साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ ही बने रहेंगे।
सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का मतलब क्या है?
चिराग पासवान ने इस मौके पर कहा, “मैं 243 सीटों पर चुनाव लड़ूंगा। इसका मतलब ये नहीं है कि मेरी पार्टी हर सीट पर उम्मीदवार उतारेगी, बल्कि मैं व्यक्तिगत रूप से हर सीट पर मौजूद रहूंगा। मैं न सिर्फ अपनी पार्टी के लिए, बल्कि NDA में शामिल दलों के उम्मीदवारों के समर्थन में भी प्रचार करूंगा।”
इस बयान को राजनीतिक विश्लेषक NDA के भीतर उनकी बढ़ती भूमिका और राजनीतिक महत्वाकांक्षा के रूप में देख रहे हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने अकेले चुनाव लड़ा था और एलजेपी (रामविलास) को सीमित सफलता मिली थी, लेकिन इस बार वे खुलकर NDA के साथ हैं और अपनी सक्रियता से गठबंधन को मज़बूती देने की कोशिश कर रहे हैं।
नव संकल्प महासभा: पार्टी की नई रणनीति
‘नव संकल्प महासभा’ में चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के भविष्य की रणनीति को लेकर कई अहम बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का मकसद सिर्फ सत्ता में भागीदारी नहीं, बल्कि बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना है। उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान के सपनों को साकार करने की बात दोहराते हुए कहा कि अब वक्त है ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के विजन को साकार करने का।
चिराग ने कहा, “अब समय आ गया है कि युवाओं को बाहर पलायन करने की जरूरत न पड़े। हर जिले में रोज़गार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके लिए मैं और मेरी पार्टी पूरी ताकत से चुनावी मैदान में उतरेंगे।”
NDA में मजबूती से बने रहने का दावा
चुनाव की घोषणा से पहले कई दलों के गठबंधन बदलने की चर्चा जोरों पर है, लेकिन चिराग पासवान ने दो टूक शब्दों में कहा कि वे NDA का हिस्सा हैं और रहेंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके मार्गदर्शक हैं और बिहार के विकास के लिए जो भी रणनीति होगी, वह NDA के तहत ही बनाई जाएगी।
चिराग ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने देश को नया नेतृत्व और नई दिशा दी है। मैं उनके नेतृत्व में बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हूं। NDA में रहकर हम बिहार को उस मुकाम तक ले जाएंगे, जहां से पलायन शब्द मिट जाएगा।”
बिहार – सियासी समीकरण पर असर
चिराग पासवान का यह बयान साफ संकेत देता है कि वे न सिर्फ अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि NDA में अपनी सियासी हैसियत भी बढ़ाने की कोशिश में हैं। उनकी यह रणनीति भाजपा के साथ तालमेल बनाए रखते हुए अपने मतदाताओं को मजबूत संदेश देने की है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार की राजनीति में चिराग पासवान एक अहम चेहरा बनकर उभर रहे हैं। उनकी आक्रामक प्रचार शैली और स्पष्ट नीति उन्हें युवाओं में लोकप्रिय बना रही है।
यह भी पढ़ें – ‘कांटा लगा गर्ल’ शेफाली जरीवाला नहीं रहीं: एक युग का अंत और आखिरी इच्छा की पूर्ति