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Tue. Oct 14th, 2025

भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैचों को लेकर तनाव और बयानबाजी कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार बहस क्रिकेट से कहीं आगे निकल गई है। पाकिस्तान के पूर्व स्टार ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी ने भारतीय राजनीति पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की तारीफ की है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर “धर्म का कार्ड” खेलने का आरोप लगाया। अफरीदी के इस बयान ने भारत में नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है।

अफरीदी का विवादित बयान

एशिया कप के भारत-पाकिस्तान मैच पर एक पाकिस्तानी टीवी चैनल में चर्चा के दौरान शाहिद अफरीदी ने कहा,
“मोदी सरकार सत्ता में बने रहने के लिए हमेशा धर्म और हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेलती है। यह बहुत ही घटिया मानसिकता है और जब तक वे सत्ता में हैं, यह मानसिकता बनी रहेगी।”

इतना ही नहीं, अफरीदी ने राहुल गांधी के नेतृत्व और उनके बयानों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने भारत में धार्मिक सौहार्द और सभी समुदायों के साथ न्याय की बात करके एक सकारात्मक संदेश दिया है। अफरीदी के अनुसार, राहुल गांधी का रुख भारतीय राजनीति में एक नई सोच को दिखाता है।

अफरीदी के बयान पर बीजेपी की कड़ी प्रतिक्रिया

अफरीदी के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस का पाकिस्तान के साथ “पुराना याराना” अब एक बार फिर उजागर हो गया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “कांग्रेस नेता को पाकिस्तान से मिली तारीफ बताती है कि उनकी राजनीति किस दिशा में जा रही है। देश की जनता समझती है कि कौन भारत के हित में काम कर रहा है और कौन पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है।”

बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी के बयान और कांग्रेस की राजनीति पाकिस्तान को फायदा पहुंचाने वाली है। पार्टी ने इसे भारत की आंतरिक राजनीति में पड़ोसी देश के दखल के तौर पर पेश किया।

कांग्रेस का पलटवार

बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस ने कहा कि पाकिस्तान या किसी भी अन्य देश का बयान हमारी नीतियों को निर्धारित नहीं करता। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “राहुल गांधी ने हमेशा भारतीय संविधान और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की बात की है। बीजेपी को इस बात से परेशानी है कि देश में लोग नफरत की राजनीति से तंग आ चुके हैं। पाकिस्तान में किसी व्यक्ति ने तारीफ कर दी तो इसका मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस पाकिस्तान से कोई रिश्ता रखती है।”

कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि मोदी सरकार खुद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के नेताओं से मुलाकात करती रही है। “आपसी बातचीत और कूटनीति एक अलग चीज है, लेकिन बीजेपी हर बार पाकिस्तान का नाम लेकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।”

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर असर?

हालांकि अफरीदी अब क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता पाकिस्तान और भारतीय उपमहाद्वीप में अभी भी काफी है। उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी हलचल मच गई। ट्विटर (अब एक्स) और फेसबुक पर भारतीय यूजर्स ने अफरीदी को भारतीय राजनीति में दखल देने के लिए आड़े हाथों लिया। कई यूजर्स ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी को भारत की आंतरिक राजनीति पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि अफरीदी का बयान भारत-पाकिस्तान के पहले से तनावपूर्ण रिश्तों पर कोई बड़ा असर नहीं डालेगा, लेकिन यह निश्चित रूप से दोनों देशों के बीच क्रिकेटीय और राजनीतिक माहौल को और गरमा सकता है।

राहुल गांधी की चुप्पी

इस पूरे विवाद में राहुल गांधी ने अब तक कोई सीधा बयान नहीं दिया है। कांग्रेस पार्टी ने भी यह स्पष्ट किया कि राहुल गांधी अपनी राजनीति भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित करते हैं और किसी भी बाहरी व्यक्ति की टिप्पणी का उनसे कोई लेना-देना नहीं है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी इस विवाद से दूरी बनाए रखना चाहेंगे ताकि बीजेपी इसे और अधिक तूल न दे सके।

सोशल मीडिया पर बहस

सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ गई है। बीजेपी समर्थक यूजर्स कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कह रहे हैं कि पाकिस्तान और कांग्रेस के बीच कोई न कोई “गहरी दोस्ती” जरूर है। वहीं, कांग्रेस समर्थक यूजर्स का कहना है कि बीजेपी इस बयान को बेवजह बड़ा बना रही है और असल मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।

कई क्रिकेट प्रशंसकों ने भी अफरीदी को निशाना बनाया। कुछ यूजर्स ने पुराने क्रिकेट मैचों के दौरान उनके विवादित बयानों और भारत-विरोधी टिप्पणियों को याद दिलाया। वहीं, कुछ पाकिस्तानी यूजर्स ने अफरीदी का समर्थन किया और कहा कि उन्होंने सच कहा है।

भारतीय राजनीति में अफरीदी टिप्पणी का असर

भारतीय राजनीति में विदेशी नेताओं या हस्तियों की टिप्पणी पर विवाद होना आम बात है। चाहे वह अमेरिकी सांसदों द्वारा कश्मीर पर बयान हो या किसी विदेशी मीडिया का रिपोर्ट, भारत में राजनीतिक दल अक्सर इसे अपने पक्ष में इस्तेमाल करने का मौका ढूंढते हैं। अफरीदी का यह बयान भी उसी श्रेणी में आता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से भारतीय राजनीति में ध्रुवीकरण का मुद्दा लगातार छाया हुआ है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने समर्थन आधार को मजबूत करने में लगे हैं। ऐसे में पाकिस्तान जैसी संवेदनशील पड़ोसी देश से आने वाला कोई भी बयान राजनीतिक माहौल को और गर्म कर देता

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