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Wed. Jul 23rd, 2025

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित उपक्रम नाल्को (NALCO) के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस हाई-प्रोफाइल केस में नाल्को के पूर्व चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर ( CMD ) और उनकी पत्नी को दोषी ठहराया है। छापेमारी के दौरान बैंक लॉकर से भारी मात्रा में सोना और नगदी जब्त की गई है, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।

क्या है पूरा मामला? CMD

ईडी को नाल्को के पूर्व सीएमडी के खिलाफ लंबे समय से मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की गई, जिसमें यह सामने आया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में न सिर्फ कई करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की, बल्कि उसे छुपाने और वैध दिखाने के लिए शेल कंपनियों, बेनामी खातों और हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल भी किया।

ईडी की जांच में यह साफ हो गया कि यह मनी लॉन्ड्रिंग केवल व्यक्तिगत फायदे के लिए नहीं थी, बल्कि एक संगठित वित्तीय अपराध का हिस्सा थी। इस घोटाले में उनकी पत्नी की भूमिका भी सामने आई है, जो कई कंपनियों की फर्जी निदेशक बनी हुई थीं।

बैंक लॉकर से बरामद हुआ बेशकीमती माल

ईडी की टीम ने दिल्ली और ओडिशा के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। इसी दौरान दिल्ली स्थित एक बैंक ब्रांच के लॉकर की जांच की गई, जहां से अधिकारियों को चौंकाने वाली सामग्री हाथ लगी। लॉकर से लगभग 3.2 किलोग्राम सोना, 1.57 करोड़ रुपये नगद और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं।

इन दस्तावेजों में संपत्तियों की रजिस्ट्री, फर्जी कंपनियों के लेन-देन और विदेशी खातों से जुड़ी जानकारी शामिल है, जिससे यह साफ होता है कि यह पूरी साजिश लंबे समय से चल रही थी।

पत्नी की भूमिका भी संदिग्ध

जांच एजेंसी के अनुसार, पूर्व सीएमडी की पत्नी भी इस घोटाले में पूरी तरह से शामिल थीं। उन्होंने न सिर्फ शेल कंपनियों में डायरेक्टर की भूमिका निभाई, बल्कि अवैध धन को रियल एस्टेट, शेयर बाजार और सोने में निवेश करने का काम भी संभाला।

कुछ दस्तावेजों में उनकी डिजिटल साइन और हस्ताक्षर पाए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि वे सभी गतिविधियों में पूरी तरह से सक्रिय थीं।

कोर्ट में पेशी और अगली कार्रवाई – CMD

ईडी ने दोनों को पकड़ने के बाद विशेष पीएमएलए (PMLA) कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अधिकारियों ने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में और नाम सामने आ सकते हैं, जिनमें कुछ बड़े व्यापारी, बैंक अधिकारी और राजनेता भी हो सकते हैं।

ईडी अब इंटरनेशनल मनी ट्रेल की जांच कर रही है। इंटरपोल की मदद से विदेशी खातों और संपत्तियों का भी पता लगाया जा रहा है।

राजनीतिक माहौल गर्माया

जैसे ही यह खबर सामने आई, विपक्ष ने केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय पर सवाल खड़े कर दिए। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यदि समय रहते जांच होती तो सरकारी पैसे की इतनी हेराफेरी न होती।

वहीं सत्तारूढ़ दल ने इसे अपनी “भ्रष्टाचार मुक्त शासन व्यवस्था” का हिस्सा बताते हुए कहा कि ईडी निष्पक्ष कार्रवाई कर रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

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