अंतरराष्ट्रीय डेस्क, काठमांडू। नेपाल की राजधानी काठमांडू घाटी और देश के अन्य हिस्सों में पिछले कई दिनों से लागू कर्फ्यू को आखिरकार शनिवार को हटा लिया गया।
इसके साथ ही लोगों की ज़िंदगी पटरी पर लौटने लगी है। बंद पड़ी दुकानें और बाजार फिर से खुल गए हैं, सड़कों पर रौनक लौट आई है और आम लोगों ने राहत की सांस ली है।
नेपाली सेना और सुरक्षा बलों के मुताबिक अब किसी भी इलाके में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू नहीं है।
हिंसा के बाद कर्फ्यू क्यों लगा?
पिछले हफ्ते नेपाल में कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे थे। यह प्रदर्शन कथित रूप से राजनीतिक असंतोष, भ्रष्टाचार और आर्थिक नीतियों को लेकर हुए। राजधानी काठमांडू समेत ललितपुर और भक्तपुर जिलों में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्तियों को निशाना बनाया।
प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ की
कई जगहों पर आगज़नी की गई
प्रशासनिक कार्यालयों और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया
स्थिति बिगड़ने के बाद सरकार ने हालात काबू में करने के लिए सेना को तैनात किया और कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया।
कर्फ्यू के दौरान सेना और पुलिस की तैनाती
नेपाल सरकार ने हालात को देखते हुए सेना और सशस्त्र पुलिस बल को सड़कों पर उतारा। सेना ने लगातार गश्त कर स्थिति को नियंत्रित किया। अधिकारियों का कहना है कि हालात अब काबू में हैं और हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है।
नेपाली सेना के प्रवक्ता ने बताया –
“शनिवार से किसी भी हिस्से में कर्फ्यू लागू नहीं है। लोगों को पूरी स्वतंत्रता है कि वे अपने दैनिक कार्यों को जारी रख सकें। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।”
बाज़ार और दुकानों में रौनक
कर्फ्यू हटने के बाद आम नागरिकों ने राहत की सांस ली है।
किराना स्टोर, सब्जी बाजार और शॉपिंग मॉल फिर से खुल गए हैं
रेस्तरां और छोटे व्यापारिक प्रतिष्ठान धीरे-धीरे संचालित होने लगे हैं
परिवहन सेवाएं आंशिक रूप से बहाल हुई हैं, टैक्सी और बसें सड़कों पर उतर आई हैं
स्थानीय व्यापारियों ने कहा कि कर्फ्यू के दौरान आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन अब वे उम्मीद कर रहे हैं कि धीरे-धीरे कारोबार सामान्य हो जाएगा।
सफाई अभियान तेज
प्रदर्शनकारियों की हिंसा के दौरान कई इलाकों में तोड़फोड़ और आगज़नी हुई थी। अब कर्फ्यू हटने के बाद प्रशासन ने बड़े स्तर पर सफाई अभियान शुरू किया है।
सरकारी इमारतों और कार्यालयों की मरम्मत की जा रही है
जली हुई गाड़ियों और मलबे को हटाया जा रहा है
सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर सैनिटाइजेशन और सफाई का काम जारी है
इससे यह साफ संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि नेपाल अपने हालात को सामान्य करने की ओर बढ़ रहा है।
कर्फ्यू के बाद लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि कर्फ्यू हटने के बाद उन्हें बड़ी राहत मिली है।
एक दुकानदार ने बताया – “हम कई दिनों से दुकानें बंद रखे हुए थे। रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो गया था। अब कर्फ्यू हटने के बाद हम सामान्य ज़िंदगी की ओर लौट रहे हैं।”
एक छात्रा ने कहा – “कक्षाएं रुक गई थीं, लेकिन अब हमें उम्मीद है कि स्कूल और कॉलेज फिर से खुल जाएंगे।”
राजनीतिक हलचल
हिंसक प्रदर्शनों के बाद नेपाल की राजनीतिक स्थिति पर भी गहरा असर पड़ा है। विपक्षी दलों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि जनता की असंतोषपूर्ण आवाज़ को दबाने के बजाय उसे सुनना चाहिए।
वहीं सरकार ने हिंसा को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए कहा है कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा से नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री ने अपील की है कि जनता शांति बनाए रखे और मुद्दों का समाधान संवाद से किया जाए।
कर्फ्यू हटने के बावजूद सतर्कता बरकरार
हालांकि कर्फ्यू हटा लिया गया है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
पुलिस और सेना लगातार गश्त कर रही है
भीड़ जुटने पर नजर रखी जा रही है
सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश फैलाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है
अधिकारियों का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो हालात को देखते हुए फिर से सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
आर्थिक नुकसान और चुनौतियां
कर्फ्यू और हिंसक प्रदर्शनों के चलते नेपाल की अर्थव्यवस्था को भी झटका लगा है।
पर्यटन क्षेत्र, जो नेपाल की आय का बड़ा स्रोत है, पर असर पड़ा
छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ
परिवहन और सप्लाई चेन बाधित रही
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राजनीतिक स्थिरता कायम नहीं हुई तो नेपाल को आर्थिक मोर्चे पर और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
नेपाल की स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी चिंता जताई। कई देशों ने अपने नागरिकों को एहतियात बरतने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी थी। अब कर्फ्यू हटने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि नेपाल फिर से सामान्य स्थिति की ओर लौटेगा और पर्यटन उद्योग को गति मिलेगी।
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