बिहार की राजनीति में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, नेताओं के बयानों का पारा भी चढ़ता जा रहा है। रविवार देर रात वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) के सुप्रीमो मुकेश सहनी ने दरभंगा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा दोनों पर जमकर हमला बोला।
सहनी ने नीतीश कुमार को “अस्वस्थ और थका हुआ नेता” बताते हुए कहा कि अब बिहार के 13 करोड़ लोगों का भविष्य किसी अस्वस्थ व्यक्ति के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता।
नीतीश कुमार पर सहनी का सीधा हमला
सहनी ने कहा कि उनकी यह टिप्पणी व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि राजनीतिक और यथार्थपरक है। उन्होंने कहा — “70 साल की उम्र में कोई भी व्यक्ति अस्वस्थ हो सकता है, लेकिन बिहार जैसे बड़े और जटिल राज्य का नेतृत्व अब युवा और ऊर्जावान हाथों में होना चाहिए।”
सहनी ने नीतीश के राजनीतिक सफर पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2005 में जनता ने उन्हें मौका दिया और 2010 तक उन्होंने कुछ विकास दिखाया भी, लेकिन उसके बाद उन्होंने अपने मूल सिद्धांतों से समझौता किया।
उन्होंने कहा कि 2015 में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की “बैसाखी” का सहारा लेकर सत्ता में वापसी की, और फिर 2020 में भाजपा और वीआईपी के समर्थन से महज 42 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री बने।
भाजपा और मनोज तिवारी पर भी हमला – सहनी
युवाओं के नाम संदेश
वीआईपी प्रमुख ने बिहार के युवाओं से भावनात्मक अपील की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब बदलाव की राजनीति को आगे लाया जाए।
सहनी बोले — “बिहार के युवा सबसे अधिक प्रतिभाशाली हैं। वे दिल्ली, मुंबई और विदेशों में जाकर अपनी मेहनत से नाम कमा रहे हैं, लेकिन अपने राज्य में उन्हें रोज़गार नहीं मिल रहा। यह विडंबना है कि जिस राज्य ने देश को इतना दिया, वही राज्य पलायन की राजधानी बन गया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार को अब ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो न सिर्फ राजनीति करे, बल्कि नीति और नीयत से विकास लाए।
उन्होंने कहा — “बदलाव की शुरुआत तभी होगी जब युवा अपनी ताकत को पहचानेंगे और जात-पात की राजनीति से ऊपर उठकर सोचेंगे।”
नीतीश सरकार पर विकास का आरोप – सहनी
सहनी ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार अब “थकी और खत्म होती सोच” वाली सरकार बन चुकी है। उन्होंने कहा कि सड़कों, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य की हालत फिर से 2000 के दशक जैसी हो गई है।
उन्होंने कहा — “नीतीश कुमार ने 2005 से लेकर अब तक बिहार को बार-बार उम्मीद दी, लेकिन नतीजा वही— बेरोजगारी, अपराध और पलायन।”
उन्होंने राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाया और कहा कि आज हर विभाग में दलाल संस्कृति हावी है।
2025 चुनाव पर बड़ा बयान
सहनी ने इशारों-इशारों में यह भी संकेत दिया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वीआईपी पार्टी तीसरा विकल्प बनकर उभर सकती है। उन्होंने कहा — “अब बिहार को नई सोच की राजनीति चाहिए। न लालू की पुरानी राजनीति, न नीतीश का थका हुआ नेतृत्व, और न भाजपा का खोखला राष्ट्रवाद।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि जनता अब बार-बार इस्तेमाल नहीं होगी। “जनता सब समझ चुकी है, अब वही तय करेगी कि बिहार की अगली दिशा कौन तय करेगा।”
भाजपा पर फिर तंज
भाजपा पर वार जारी रखते हुए सहनी ने कहा कि केंद्र की सरकार सिर्फ भाषणों में बड़ी है, जमीनी स्तर पर नहीं।
उन्होंने कहा — “प्रधानमंत्री ने हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, लेकिन आज नौजवान डिग्री लेकर ठेला चलाने को मजबूर हैं। बिहार के गांवों में युवा बेरोजगारी से टूट रहे हैं, और दिल्ली में बैठे नेता सीना नापने में व्यस्त हैं।”
जनता का मूड बदल रहा है
सहनी ने कहा कि बिहार की जनता अब “जाग चुकी है”। उन्होंने कहा — “लोग अब जाति नहीं, विकास की बात करते हैं। किसानों को सिंचाई चाहिए, युवाओं को रोजगार चाहिए और गरीबों को सम्मान चाहिए।”
उन्होंने दावा किया कि इस बार जनता “नई दिशा, नई दशा” की तलाश में है और वीआईपी पार्टी वही विकल्प बन सकती है।
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