कुश्ती खिलाड़ी से राजनेता बनीं Vinesh Phogat इन दिनों हरियाणा विधानसभा चुनाव में सक्रिय रूप से प्रचार कर रही हैं। जुलाना सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार के रूप में, उन्होंने बीजेपी के नेता और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को अपने निशाने पर लिया है।
विनेश ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक विशेष बातचीत में कहा, “हमें सिस्टम में जाना होगा। बृजभूषण सिंह इसलिए टिका है क्योंकि वह राजनीतिक रूप से शक्तिशाली हैं। अगर हम भी मजबूत नहीं बनते, तो हमारा दो साल का संघर्ष व्यर्थ हो जाएगा।”
प्रदर्शन के पीछे की भावना
विनेश ने अपने प्रदर्शन के बारे में कहा कि लोग मानते हैं कि उन्होंने जो किया, वह उनकी बेटियों और परिवारों के लिए था। उन्होंने यह भी कहा कि ओलंपिक में सफलता व्यक्तिगत होती है, लेकिन जब हम दूसरों के लिए कुछ करते हैं, तो लोग उस प्यार को लौटाते हैं। “मुझे इस प्यार और समर्थन की इतनी उम्मीद नहीं थी,” उन्होंने कहा।
Vinesh Phogat : पेरिस ओलंपिक में संघर्ष
पेरिस ओलंपिक में विनेश ने कुश्ती के फाइनल में पहुंचने का सपना देखा था, लेकिन 50 किलोग्राम भार वर्ग में वजन अधिक पाए जाने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस घटना के बाद, उन्होंने खेल से संन्यास लेने का निर्णय लिया। उनके इस फैसले ने खेल जगत में हंगामा मचा दिया और उनके समर्थकों में निराशा फैला दी।
बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन
विनेश की सक्रियता सिर्फ चुनाव तक सीमित नहीं है। भारत लौटने के बाद, उन्होंने 6 सितंबर को बजरंग पूनिया के साथ कांग्रेस में शामिल होकर जुलाना सीट से उम्मीदवार बनने का निर्णय लिया।
विनेश, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे अन्य खिलाड़ियों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सिंह ने कुश्ती खिलाड़ियों के साथ यौन उत्पीड़न किया। इस प्रदर्शन के बाद, पुलिस ने सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया, जो कि भारतीय खेल जगत में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया।
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विनेश फोगाट का चुनावी अभियान और बृजभूषण सिंह के खिलाफ उनका संघर्ष एक नई दिशा में संकेत करता है। वे न केवल कुश्ती की दुनिया में, बल्कि राजनीति में भी अपनी पहचान बना रही हैं। उनके प्रयास यह दिखाते हैं कि एक मजबूत आवाज कैसे सिस्टम में बदलाव ला सकती है, और उनकी यह यात्रा न केवल खेल, बल्कि समाज में भी बदलाव के लिए प्रेरणा बन सकती है।