डिजिटल इंडिया मिशन की दसवीं वर्षगांठ पर भारतीय राजनीति में एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर डिजिटल इंडिया को लेकर झूठे दावे और अधूरे वादे करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह पूरी योजना जनता को गुमराह करने वाली है और इससे गरीबों और ग्रामीण क्षेत्रों को वास्तविक लाभ नहीं मिला। इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस के साथ भारत का ‘बफरिंग युग’ चल रहा था, जिसे मोदी सरकार ने खत्म कर दिया है।”
खरगे का आरोप: सिर्फ प्रचार, हकीकत में असमानता
खरगे ने अपने बयान में कहा कि डिजिटल इंडिया एक शानदार स्लोगन के रूप में जरूर पेश किया गया, लेकिन इसकी असलियत जमीन पर नहीं दिखती। उन्होंने दावा किया कि दूरदराज़ और ग्रामीण इलाकों में अब भी इंटरनेट कनेक्टिविटी की भारी कमी है, और सरकार की योजनाएं केवल अमीरों और शहरी वर्ग तक सीमित रह गई हैं। उन्होंने कहा कि “सरकार के आंकड़े और हकीकत में बड़ा फर्क है। डिजिटल इंडिया का सपना तब तक अधूरा है जब तक हर गरीब बच्चा ऑनलाइन शिक्षा और सेवाओं से जुड़ नहीं जाता।”
सिंधिया का पलटवार: कांग्रेस ने तकनीकी विकास को रोका
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खरगे के आरोपों को “राजनीतिक कुंठा” से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि “डिजिटल इंडिया मिशन ने पिछले 10 वर्षों में देश को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज गांव-गांव तक डिजिटल सेवाएं पहुंच रही हैं, लाखों युवाओं को डिजिटल स्किल्स मिल रही हैं, और सरकारी योजनाएं सीधे लोगों के बैंक खातों में पहुंच रही हैं।”
सिंधिया ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “आपने दशकों तक भारत को टेक्नोलॉजी से वंचित रखा। आपके कार्यकाल में तो इंटरनेट एक लग्ज़री था, अब ये हर भारतीय का अधिकार बन चुका है।”
पीएम मोदी ने साझा किया ब्लॉग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर एक विस्तृत ब्लॉग साझा किया जिसमें उन्होंने डिजिटल इंडिया की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने बताया कि कैसे यह मिशन देश की अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासन और व्यापार के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया है। उन्होंने लिखा, “डिजिटल इंडिया सिर्फ एक मिशन नहीं, यह भारत के भविष्य की नींव है।”
मोदी ने अपने ब्लॉग में ‘जन धन-आधार-मोबाइल’ (JAM ट्रिनिटी) और ‘डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर’ जैसे उदाहरणों का जिक्र किया, जिसने करोड़ों भारतीयों को भ्रष्टाचार-मुक्त और पारदर्शी सेवा उपलब्ध कराई.
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