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Fri. Jul 4th, 2025

तेजस्वी यादव – राजनीतिक हलचल से भरपूर बिहार की राजनीति में एक बार फिर बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन (रिवीजन) के नाम पर गरीब और वंचित तबकों के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि इसके बाद इन लोगों की राशन और पेंशन जैसी बुनियादी सुविधाएं भी बंद की जा सकती हैं।

तेजस्वी यादव का सरकार पर हमला…

सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि ये सब कुछ एक सुनियोजित साजिश के तहत किया जा रहा है ताकि गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को चुनाव प्रक्रिया से बाहर किया जा सके। उनका कहना है कि जिनके पास वोटर आईडी नहीं होगी, उनका नाम सरकारी योजनाओं से भी काट दिया जाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन तबकों को पहले वोट देने के अधिकार से वंचित किया जाएगा और फिर उन्हें जरूरी सुविधाओं से भी बेदखल कर दिया जाएगा।

“सरकार को यह डर है कि यदि ये तबके संगठित होकर वोट देने आएंगे तो उनका सत्ता में बने रहना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए यह सोची-समझी चाल है कि पहले इनका नाम मतदाता सूची से हटाओ और फिर इनके लिए सरकार की योजनाओं के दरवाजे बंद कर दो।”

इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और प्रशासन से भी सवाल पूछे गए हैं। तेजस्वी ने मांग की है कि मतदाता सूची का पारदर्शी ढंग से रिवीजन होना चाहिए, जिसमें प्रत्येक नागरिक को यह मौका मिले कि वह यह सुनिश्चित कर सके कि उसका नाम सूची में मौजूद है या नहीं। साथ ही उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से भी अपील की कि वे घर-घर जाकर लोगों को मतदाता सूची जांचने के लिए प्रेरित करें और जरूरत पड़ने पर पुनः नाम जोड़ने की प्रक्रिया में मदद करें।

जनता दल (यूनाइटेड)

तेजस्वी यादव के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है। सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) की ओर से अब तक इस पर कोई सीधा जवाब नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार इस तरह के आरोपों को पूरी तरह निराधार मानती है।

बहरहाल, बिहार जैसे राज्य में जहां जातीय और सामाजिक समीकरण चुनाव परिणामों को काफी हद तक प्रभावित करते हैं, वहां इस तरह के आरोप चुनावी माहौल को और भी गर्म कर सकते हैं। आगामी दिनों में देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या रुख अपनाता है और विपक्ष द्वारा उठाए गए इन मुद्दों का क्या असर जनता पर पड़ता है।

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