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Mon. Jul 14th, 2025

भारतीय सेना अब पूरी तरह से आधुनिक तकनीक से लैस हो रही है और इसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण है ATAGS यानी Advanced Towed Artillery Gun System। यह तोप न केवल दुश्मनों को करारा जवाब देने में सक्षम है, बल्कि भारतीय सेना के तोपखाने को विश्व स्तरीय बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है।

ATAGS: भारत का स्वदेशी तोप सिस्टम

ATAGS एक स्वदेशी रूप से विकसित की गई आधुनिक आर्टिलरी गन है जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने निजी कंपनियों के सहयोग से विकसित किया है। यह तोप “शूट एंड स्कूट” की रणनीति पर काम करती है, जिसमें दुश्मन पर फायर करने के बाद तुरंत लोकेशन बदल ली जाती है। इससे दुश्मन को जवाबी हमला करने का मौका नहीं मिलता।

इस तोप की सबसे खास बात इसकी 48 किलोमीटर तक की मारक क्षमता है, जो दुनिया की कुछ सर्वश्रेष्ठ तोपों में से एक है। इसका स्वचालित गोला-लोडिंग सिस्टम, नवीनतम फायर कंट्रोल सिस्टम और पूरी तरह से डिजिटल इंटरफेस इसे युद्ध के मैदान में अचूक हथियार बनाते हैं।

तोपखाने की ताकत को नई ऊंचाई

भारतीय सेना ने अब तक 307 ATAGS का ऑर्डर दिया है। इसका पहला रेजीमेंट फरवरी 2027 तक सेना में शामिल हो जाएगा। इसके आने से भारतीय तोपखाने की क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा। पारंपरिक तोपों की तुलना में ATAGS दुगनी दूरी तक मार करने में सक्षम है, और इसकी रफ्तार और सटीकता इसे दुश्मनों के लिए खौफनाक बनाती है।

सीमाओं पर मिलेगा बढ़त

भारत की सीमाओं पर अक्सर तनाव की स्थिति बनी रहती है, चाहे वह पश्चिमी सीमा हो या उत्तर की ओर स्थित ऊंचे और दुर्गम इलाके। ऐसी परिस्थितियों में ATAGS जैसे हथियार बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। यह तोप ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी आसानी से तैनात की जा सकती है और वहां से भी सटीक फायर कर सकती है।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर

ATAGS केवल एक हथियार नहीं, बल्कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है। इसे भारत की प्रमुख रक्षा कंपनियों भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के सहयोग से तैयार किया गया है। यह तोप पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जिससे भारत को विदेशी हथियारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

भविष्य की योजना

ATAGS को भविष्य में भारतीय सेना का मुख्य आर्टिलरी हथियार बनाया जा सकता है। इसके अपग्रेडेड वर्जन पर भी काम जारी है जिसमें और अधिक दूरी तक फायर करने की क्षमता, तेज मूवमेंट और दुश्मन की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से बचने की तकनीक जोड़ी जाएगी।

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