पाकिस्तान एक बार फिर आतंक की भेंट चढ़ गया है। बलूचिस्तान में एक यात्री बस पर हुए हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। ताजा जानकारी के मुताबिक, आतंकियों ने एक बस को निशाना बनाते हुए उसमें सवार 9 यात्रियों को पहचान के आधार पर गोलियों से भून डाला। इस नृशंस हमले के पीछे खुले आतंकवाद की साजिश मानी जा रही है।
कैसे हुआ पाकिस्तान में हमला?
यह हमला पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र बलूचिस्तान में उस वक्त हुआ जब एक यात्री बस सड़कों पर सामान्य तरीके से सफर कर रही थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, अज्ञात बंदूकधारियों ने बस को बीच रास्ते में रोका और यात्रियों से उतरने को कहा। इसके बाद हमलावरों ने यात्रियों से पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा और फिर विशेष पहचान के आधार पर 9 लोगों को चुनकर उनकी बेरहमी से गोली मार दी गई।
इस हमले में कई अन्य यात्री भी घायल हुए हैं जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वहीं घटनास्थल पर सुरक्षाबलों ने पहुंचकर पूरे इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया: “खुला आतंकवाद”
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने इस हमले की तीव्र निंदा की है। उन्होंने इसे “खुला आतंकवाद” करार देते हुए कहा कि यह हमला तार फितना ए हिन्दुस्तान से जुड़ा हो सकता है। बुगती ने आरोप लगाया कि यह हमला योजनाबद्ध तरीके से किया गया और इसमें मासूम नागरिकों को केवल उनकी पहचान के कारण निशाना बनाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम किसी भी कीमत पर आतंकियों को बख्शेंगे नहीं। सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।”
पाकिस्तान में बार-बार हो रहे ऐसे हमले
पाकिस्तान में हाल के वर्षों में आतंकी गतिविधियों में फिर से तेजी देखी जा रही है, विशेष रूप से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे सीमावर्ती इलाकों में। इन इलाकों में न सिर्फ सुरक्षाबलों को निशाना बनाया जा रहा है, बल्कि आम नागरिक भी आतंकियों की क्रूरता का शिकार हो रहे हैं।
कुछ हफ्ते पहले ही एक पुलिस वैन को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला किया गया था जिसमें कई जवान शहीद हो गए थे। अब इस बस हमले ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लोगों में डर और गुस्सा
घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। स्थानीय नागरिकों में डर और गुस्से का माहौल है। कई जगहों पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं। लोगों की मांग है कि सरकार सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करे और आतंकियों को जल्द पकड़ा जाए।
सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस हमले की निंदा की है और इसे ‘मानवता पर हमला’ बताया है। सोशल मीडिया पर भी इस हमले को लेकर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और #JusticeForVictims ट्रेंड कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया का इंतजार
अब देखना यह है कि पाकिस्तान की सरकार इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर किस तरह रखती है। कई बार पाकिस्तान ने ऐसे हमलों को बाहरी साजिश बताकर दूसरों पर आरोप लगाए हैं, लेकिन इस बार दुनिया को ठोस सबूतों की भी दरकार होगी।
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