15 दिसंबर 2025, पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आयुष चिकित्सकों के लिए एक बड़े नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां सरकार की स्वास्थ्य नीति व रोजगार सृजन की दिशा में ठोस कदम उठाए गए। साथ ही इस कार्यक्रम के दौरान एक विवादित वाकये ने राजनीतिक और सामाजिक चर्चा को और तेज़ कर दिया है।
कार्यक्रम का उद्देश्य और पृष्ठभूमि – नीतीश
बिहार सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के मुख्यमंत्री सचिवालय ‘संवाद’ केंद्र में 1283 आयुष (AYUSH) चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए।
यह कार्यक्रम राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को और अधिक मजबूती प्रदान करने, ग्रामीण क्षेत्रों में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों की पहुँच को सुधरने तथा रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। इन नियुक्तियों में आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक शामिल हैं, जो बिहार के विभिन्न जिलों के स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित किए जाएंगे।
इस दिशा में सरकार का मानना है कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ भी आधुनिक स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और इन चिकित्सकों की नियुक्ति से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सहयोग मिलेगा।
कितने चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र मिले?
नियुक्ति वितरण कार्यक्रम के अनुसार कुल 1283 आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिए गए, जिनमें से:
- 685 आयुर्वेदिक चिकित्सक
- 393 होमियोपैथिक चिकित्सक
- 205 यूनानी चिकित्सक शामिल हैं।
ये चिकित्सक अब बिहार के 38 जिलों में स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों तथा विभिन्न चिकित्सा योजनाओं में कार्य करेंगे। कार्यक्रम के दौरान कुछ चिकित्सकों को मुख्यमंत्री द्वारा प्रतिनिधि रूप से नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
नियुक्ति के बाद कार्य जिम्मेदारियाँ – नीतीश
इन नई नियुक्त आयुष चिकित्सकों को निम्न कार्यों में तैनात किया जाएगा👇
ओपीडी (Outpatient Department) संचालन
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य जांच
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अन्य योजनाओं में भागीदारी
ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
इन कार्यों से न केवल स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार आएगा बल्कि आयुष चिकित्सा पद्धतियों को स्थानीय स्तर तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोग
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा निम्न वरिष्ठ नेता तथा अधिकारी शामिल थे:
- उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी
- स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय
- जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी
- स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह
- अन्य प्रशासनिक अधिकारी
इन्हें कार्यक्रम में देखा गया।
प्रमुख उद्धरण: मुख्यमंत्री का संदेश – नीतीश
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले चिकित्सकों को बधाई दी और कहा कि यह कदम स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नई ऊर्जा और विशेषज्ञता लाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी चिकित्सक अपने कर्तव्यों को निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ पूरा करेंगे।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि यह पहल बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को विस्तार देने का एक अहम कदम है।
विवादित घटना: महिला डॉक्टर का हिजाब खींचने का आरोप
हालांकि यह कार्यक्रम एक बड़ा सकारात्मक कदम था, लेकिन इसी दौरान एक विवादित घटना ने राजनीतिक और सामाजिक डिबेट को जन्म दिया।
समारोह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें देखा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक महिला आयुष डॉक्टर का हिजाब मंच पर सार्वजनिक रूप से हटाने की कोशिश की। यह वीडियो वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा विरोधी दलों तथा नागरिक संगठनों के बीच बड़ी आलोचना का विषय बन गया।
रिपोर्टों के अनुसार, यह महिला डॉक्टर जब नियुक्ति पत्र लेने मंच पर आई, तो मुख्यमंत्री ने उनसे कहा “ये क्या लगाए हो?” और उसके बाद उनका हिजाब खींचा गया। कार्यक्रम स्थल पर यह अचानक व्यवहार उपस्थित लोगों एवं दर्शकों के लिए हैरानी का विषय बन गया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस घटना के बाद विपक्षी पार्टियाँ जैसे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस व्यवहार की कड़ी आलोचना की है। RJD ने ट्वीट कर इसे “अस्वीकार्य” और “महिला एवं धार्मिक स्वतंत्रता का अपमान” कहा। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि ऐसा किसी भी सार्वजनिक नेता के द्वारा नहीं किया जाना चाहिए और यह महिला सम्मान के मूल्यों के खिलाफ है।
सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जहां कई उपयोगकर्ताओं ने इसे व्यक्तिगत आज़ादी तथा धार्मिक पहचान के खिलाफ बताया है।
स्वास्थ्य नीति व रोजगार दिशा में कदम
इस नियुक्ति कार्यक्रम को राज्य सरकार की स्वास्थ्य नीति तथा रोजगार श्रृंगार रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। बिहार सरकार ने पिछली बार भी शिक्षा, प्रशासन और स्वास्थ्य क्षेत्रों में हजारों नियुक्तियाँ दी हैं, जैसे शिक्षक व अन्य सरकारी कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरण किया गया।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति से ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर सेवाओं की पहुँच बेहतर होगी तथा स्थानीय स्तर पर चिकित्सा सेवाओं में सहयोग मिलेगा। इन नियुक्तियों को बिहार सरकार का एक पहला बड़ा कदम भी कहा जा सकता है जो लंबे समय से अपेक्षित था।
