दिल्ली- NCR में गहरी जहरीली हवा — GRAP-4 लागू
13 दिसंबर 2025 की शाम तक राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ( NCR ) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर बेहद गंभीर स्थिति में पहुँच गया। प्रदूषण की वजह से वायु गुणवत्ता ‘सीवियर+’ श्रेणी दर्ज की गई, जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज-4 अर्थात GRAP-4 लागू कर दिया।
यह एक उच्चतम स्तर के कदम के रूप में उठाया गया, जिसका उद्देश्य प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों पर सख्त नियंत्रण लगाना और लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर जोखिमों से बचाना है।
AQI आंकड़े और प्रदूषण की गंभीरता
आज शाम दिल्ली- NCR में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार AQI स्तर 441 से ऊपर तक पहुँच गया, जिससे हवा खतरनाक और जहरीली बन गई। (
- शाम तक कुछ इलाकों में AQI मान 450 के करीब या उससे ऊपर देखा गया।
यह स्तर सांस लेने वाले सभी लोगों के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है — विशेषकर बच्चों, बुज़ुर्गों, गर्भवती महिलाओं और श्वसन रोगों से पीड़ित लोगों के लिये।
GRAP-4 क्या है और क्यों लागू हुआ? – NCR
GRAP (Graded Response Action Plan) एक प्रकार की आपातकालीन प्रदूषण प्रतिक्रिया योजना है, जो वायु गुणवत्ता के स्तर को देखते हुए चरणबद्ध तरीके से कड़े उपाय लागू करती है। जब AQI गंभीर और अत्यधिक खतरनाक स्तर पर पहुँचता है, तो GRAP के उच्च चरणों को लागू किया जाता है।
स्टेज-4 या GRAP-4 तब लागू किया जाता है जब वायु गुणवत्ता ‘Severe+’ अथवा समान रूप से गंभीर श्रेणी में पाई जाती है। इसके तहत सख्त नियंत्रण और पाबंदियाँ लगाई जाती हैं, ताकि प्रदूषण को फैलने से रोका जा सके।
GRAP-4 के तहत मुख्य प्रतिबंध
GRAP-4 के लागू होने के साथ ही NCR में कई प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं:
📌 निर्माण और उद्योग
- सभी तरह के निर्माण कार्यों और भारी मशीनरी से होने वाली गतिविधियों पर रोक।
- स्टोन क्रशर जैसे पत्थर तोड़ने वाले यूनिटों को बंद करने के निर्देश।
- औद्योगिक क्षेत्रों में उत्सर्जन नियंत्रण और निगरानी बढ़ाई जाएगी।
🚗 वाहन और आवाजाही
- गैर-आवश्यक वाहनों की आवाजाही को सीमित करने के लिये निर्देश।
- भारी वाहनों की प्रवेश सीमा और ट्रकों पर विशेष निगरानी।
- 50% कार्यालय स्टाफ के लिये वर्क-फ्रम-होम (WFH) व्यवस्था लागू कर दी गई है
🏫 शिक्षा और सार्वजनिक सेवाएँ
- कुछ ज़रूरी सेवाएं और स्वास्थ्य संस्थान जारी रहेंगे, लेकिन बच्चों और संवेदनशील समूहों के लिये विशेष सावधानियाँ जरूरी हैं।
- स्कूलों के संचालन पर अधिक विचार हो रहा है, और कुछ क्षेत्रों में शैक्षणिक गतिविधियाँ सीमित या वर्चुअल मोड में हो सकती हैं।
🛠️ अन्य प्रभाव
- सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक या सीमित आयोजन।
- वायु प्रदूषण नियंत्रित उपकरणों और सफाई उपायों को त्वरित लागू करने के निर्देश।
प्रदूषण के कारण और मौसमी प्रभाव – NCR
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली- NCR में वायु गुणवत्ता का बिगड़ना मौसम, मानवरहित गतिविधियों और प्रदूषण स्रोतों का संयुक्त प्रभाव है।
- कम हवा की गति और स्थिर मौसम, जिससे प्रदूषण कण हवा में फैलते नहीं हैं।
- वाहनों का भारी उत्सर्जन, विशेष रूप से ऊँचे ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में।
- चारों ओर फैली धूल, निर्माण गतिविधियाँ और कृषि पराली जलाने से फैलने वाले धुएँ भी AQI को बढ़ाते हैं।
इन कारणों से शहर की वायु गुणवत्ता तेजी से खराब हो रही है, जिससे स्थानीय प्रशासन और पर्यावरण एजेंसियों को तत्काल सक्रिय होना पड़ा।
लोगों और स्वास्थ्य पर प्रभाव
गंभीर प्रदूषण से लोगों की स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव देखने को मिल रहा है:
❗ सांस लेने में कठिनाई
❗ आँखों और गले में जलन
❗ अस्थमा और अन्य श्वसन समस्याओं में वृद्धि
❗ वृद्ध लोगों और बच्चों में स्वास्थ्य जोखिम का बढ़ जाना
स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों से सलाह दे रहे हैं कि वे बाहर निकलते समय नकाब (mask) का इस्तेमाल करें, अनावश्यक बाहर जाने से बचें, और यदि सांस से संबंधित कोई समस्या हो तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
- CAQM और CPCB ने पूरे NCR में GRAP-4 को लागू करते हुए प्रदूषण नियंत्रण के उपाय कड़े कर दिए हैं।
- स्थानिक प्रशासन ने सड़कों, निर्माण स्थलों और औद्योगिक इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है।
- दिल्ली सरकार ने आगामी दिनों में स्थिति की समीक्षा के लिये विशेष बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है।
क्या GRAP-4 लागू होने से वायु गुणवत्ता बेहतर होगी?
GRAP-4 के लागू होने का लक्ष्य प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रित करना और लोगों को स्वास्थ्य जोखिमों से बचाना है। यह एक आपातकालीन कदम है, लेकिन इसका दीर्घकालिक प्रभाव मौसम, प्रदूषण स्रोतों की निरंतर निगरानी और स्थायी उपायों पर भी निर्भर करेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ कड़े प्रतिबंध पर्याप्त नहीं होंगे, बल्कि प्रदूषण रोकने के लिये समग्र और लंबे समय के रणनीतिक उपाय भी लागू होने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की गंभीर स्थिति से बचा जा सके।
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