भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। महिला वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। यह जीत सिर्फ एक मैच की नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की उस नई कहानी का हिस्सा है, जहां महिला खिलाड़ी अब किसी भी बड़े मंच पर पीछे नहीं रहतीं। इस मुकाबले में भारत ने महिला वनडे इतिहास का सबसे बड़ा रन चेज पूरा करते हुए 338 रनों के लक्ष्य को 48.3 ओवर में हासिल किया और विश्व कप के इतिहास में स्वर्णिम पन्ना जोड़ दिया
ऑस्ट्रेलिया की शानदार शुरुआत, लेकिन भारतीय ने दिखाया दम
इस रोमांचक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.5 ओवर में 338 रन बनाए। कप्तान एलीस हीली और बेथ मूनी ने शानदार साझेदारी की और ऐसा लगा मानो ऑस्ट्रेलिया फिर से अपनी पुरानी लय में लौट आई है। पर भारतीय गेंदबाजों ने अंतिम ओवरों में शानदार वापसी की और ऑस्ट्रेलिया को 350 के पार नहीं जाने दिया।
भारत के सामने 339 रन का पहाड़ जैसा लक्ष्य था। शुरुआत में शैफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने अच्छी ओपनिंग की, लेकिन जल्दी ही दोनों आउट हो गईं। इसके बाद मैदान में उतरीं कप्तान हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रॉड्रिग्स ने मोर्चा संभाला।
जेमिमा-हरमनप्रीत की शतकीय साझेदारी ने पलटा खेल – भारतीय
दोनों खिलाड़ियों के बीच 167 रनों की शतकीय साझेदारी हुई जिसने पूरे मैच का रुख बदल दिया। हरमनप्रीत ने कप्तानी पारी खेलते हुए 92 रन बनाए, जबकि जेमिमा रॉड्रिग्स ने नाबाद 127 रन ठोके। जेमिमा की पारी में 14 चौके शामिल रहे और उन्होंने हर गेंद को आत्मविश्वास के साथ खेला।
जब भारत को जीत के लिए आखिरी 10 ओवरों में 70 रन चाहिए थे, तब ऐसा लग रहा था कि मैच किसी भी तरफ जा सकता है। लेकिन अमनजोत कौर ने आते ही आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की और जब उन्होंने विजयी चौका लगाया, तो पूरा भारतीय ड्रेसिंग रूम खुशी से झूम उठा।
भावनाओं से भर उठा मैदान, भारतीय जेमिमा की आंखों से छलके आंसू
जैसे ही भारत ने जीत दर्ज की, मैदान पर भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जेमिमा रॉड्रिग्स जीत के बाद खुद को रोक नहीं पाईं और उनके आंसू छलक उठे। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। यह पल सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि हर उस भारतीय के लिए गर्व का क्षण था जो भारतीय महिला क्रिकेट के नए युग का गवाह बन रहा था।
मैदान पर हरमनप्रीत कौर और जेमिमा ने एक-दूसरे को गले लगाया, वहीं बाकी खिलाड़ियों ने तिरंगा लेकर मैदान का चक्कर लगाया। दर्शकों की गूंज, टीम के जश्न और खिलाड़ियों की आंखों में खुशी के आंसू — ये सब मिलकर उस जीत को ऐतिहासिक बना गए।
ऑस्ट्रेलिया का विजयी अभियान थमा, भारत ने दिखाया जज्बा
इस मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया इस टूर्नामेंट में अजेय थी। एलीस हीली की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने लगातार जीत दर्ज की थी, लेकिन भारतीय टीम ने उनके विजय अभियान को रोक दिया। टीम इंडिया ने दिखा दिया कि अब वह किसी भी परिस्थिति में, किसी भी टीम को मात देने का दम रखती है।
भारत के इस प्रदर्शन की तारीफ दुनियाभर में हो रही है। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के आत्मविश्वास और योजनाबद्ध रणनीति की जीत है।
फाइनल में दक्षिण अफ्रीका से होगा सामना
भारत अब रविवार को होने वाले फाइनल में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगा। दक्षिण अफ्रीका ने अपने सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को हराया था। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या भारत पहली बार महिला वनडे विश्व कप अपने नाम कर पाएगा।
फाइनल से पहले कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा, “यह जीत हमारी मेहनत और टीम स्पिरिट का नतीजा है। अब एक कदम और बाकी है। हम फाइनल में भी पूरे जुनून के साथ उतरेंगे।”
मंधाना और हरमनप्रीत भी हुईं भावुक
इस जीत के बाद टीम की अनुभवी खिलाड़ी स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत कौर भी भावुक नजर आईं। दोनों ने कहा कि यह जीत उन सभी संघर्षों को समर्पित है, जो वर्षों से महिला क्रिकेट को सम्मान दिलाने के लिए किए गए हैं।
हरमनप्रीत ने कहा, “जब मैं छोटी थी, तब टीवी पर पुरुष टीम की जीत देखकर सपना देखा था कि एक दिन हमारी भी ऐसी जीत होगी। आज वो सपना सच हुआ।”
भारतीय जीत के मायने
यह जीत सिर्फ सेमीफाइनल में जीत नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के आत्मविश्वास की जीत है। यह साबित करती है कि अब भारतीय महिला टीम सिर्फ प्रतिभा नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर परिणाम देने वाली मजबूत इकाई बन चुकी है।
आज जेमिमा, हरमनप्रीत, मंधाना और अमनजोत जैसी खिलाड़ी देश की बेटियों के लिए प्रेरणा हैं। भारत का फाइनल तक पहुंचना आने वाले वर्षों में महिला क्रिकेट के लिए नए अवसर खोलेगा।
