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Thu. Jan 9th, 2025
Emergency

अभिनेत्री और बीजेपी सांसद कंगना रनौत की आगामी फिल्म ‘Emergency’ इस समय विवादों में घिरी हुई है। यह फिल्म, जो 6 सितंबर, 2024 को रिलीज होने वाली थी, अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) की मंजूरी का इंतजार कर रही है। फिल्म की रिलीज की तारीख टल गई है, और इसके पीछे एक प्रमुख कारण है शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा उठाए गए आपत्तियां।

Emergency फिल्म पर आपत्ति और सरकारी प्रतिक्रिया

‘इमरजेंसी’ पर सिख धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आपत्ति जताई है, जिसे लेकर सरकार ने सतर्कता बरतने का निर्णय लिया है। इस मामले में एक सरकारी सूत्र ने पीटीआई को बताया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आपत्ति के बाद इस फिल्म को गंभीरता से लिया जाना आवश्यक है। धार्मिक मामलों में संवेदनशीलता और सावधानी से काम लेने की जरूरत है, क्योंकि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं होना चाहिए।

कंगना रनौत की प्रतिक्रिया

फिल्म की मुख्य भूमिका में कंगना रनौत, जो दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं, सेंसर बोर्ड से मंजूरी न मिलने को लेकर निराश हैं। कंगना ने इसे अन्यायपूर्ण करार देते हुए कहा है कि सेंसरशिप केवल ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित फिल्मों के लिए लागू होनी चाहिए, और यह फिल्म ऐसे ही तथ्यों को दर्शाती है। कंगना के अनुसार, फिल्म का उद्देश्य ऐतिहासिक सच्चाइयों को सामने लाना है और इसमें किसी भी तरह की सांप्रदायिक भावना को बढ़ावा देने का इरादा नहीं है।

Emergency फिल्म का परिचय और कलाकार

‘इमरजेंसी’ फिल्म का निर्देशन कंगना रनौत ने स्वयं किया है। यह फिल्म भारतीय आपातकाल की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जिसे 1975 से 1977 तक लागू किया गया था। फिल्म में कंगना के अलावा दिवंगत सतीश कौशिक, मिलिंद सोमन, महिमा चौधरी, श्रेयस तलपड़े और अनुपम खेर जैसे प्रमुख कलाकारों ने भी अभिनय किया है। इन कलाकारों का प्रदर्शन फिल्म को ऐतिहासिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाता है।

फिल्म की रिलीज और संभावित प्रभाव

फिल्म की रिलीज पर आ रही समस्याओं ने सरकार को भी संवेदनशीलता से कदम उठाने पर मजबूर किया है। जब फिल्म को लेकर धार्मिक संस्थाओं द्वारा आपत्ति उठाई जाती है, तो यह एक महत्वपूर्ण संकेत होता है कि फिल्म को लेकर समाज में विभिन्न धारणाएं और भावनाएं हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में, सरकार और सेंसर बोर्ड का यह कर्तव्य बनता है कि वे सभी पहलुओं का गहराई से अध्ययन करें और सुनिश्चित करें कि फिल्म सभी संवैधानिक और धार्मिक मानकों का पालन करती है।

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कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद फिल्म बन गई है, जिसकी रिलीज पर आपत्तियों ने फिल्म की सफलता और समाज में इसके प्रभाव को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। सरकारी तंत्र और सेंसर बोर्ड के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है, क्योंकि उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि फिल्म का प्रदर्शन न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से सटीक हो, बल्कि समाज के सभी वर्गों की धार्मिक और भावनात्मक संवेदनाओं का भी सम्मान करे।

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