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Wed. Nov 12th, 2025

इस विलय की प्रमुख बातें

  • विलय इन नौ दलों के बीच जोड़घट के बाद बनाई गई नई पार्टी का नाम नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (Nepali Communist Party) रखा गया है।
  • पार्टी का चुनाव चिह्न आजादी के संकेत के रूप में “पांच-सितारा” तय किया गया है।
  • इस गठबंधन में शामिल प्रमुख दलों में शामिल हैं: नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) (CPN (Maoist Centre)), नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत समाजवादी) (CPN Unified Socialist) तथा अन्य सात छोटे वाम गुट।
  • इस प्रक्रिया में माओवादी केंद्र ने अपने नाम से “माओवादी” शब्द को हटा लिया है।

नेतृत्व और मार्गदर्शक सिद्धांत

नई पार्टी के नेतृत्व में वरिष्ठ वाम-नेताओं को स्थान मिला है:

  • पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहाल “प्रचण्ड” (Prachanda) को समन्वयक (Coordinator) नामित किया गया है।
  • पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल (Madhav Kumar Nepal) को सह-समन्वयक (Co-coordinator) बनाया गया है।
  • पार्टी ने अपना मार्गदर्शक सिद्धांत “मार्क्सवाद-लेनिनवाद” को चुना है और आगे छः माह के भीतर राष्ट्रीय अधिवेशन करने की योजना बनाई है।

विलय का राजनीतिक-प्रासंगिक महत्त्व

  • नया एकीकरण इसलिए अहम है क्योंकि नेपाल में आगामी आम चुनाव (5 मार्च 2026) के पहले वाम-बल में मजबूती लाने की कोशिश की जा रही है।
  • इस कदम को उस बड़े जन-आंदोलन के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिसमें जेन-जेड (Gen-Z) यानि युवा-पिढ़ी ने भ्रष्टाचार, वंशवाद और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ आवाज उठाई थी।
  • कई छोटे वाम गुटों के मिलन से वाम-राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो सकता है — एक-सिंगल प्लेटफॉर्म द्वारा रणनीति बनाने, उम्मीदवार तय करने तथा संसाधनों के समेकित उपयोग की संभावना खुली है।

चुनौतियाँ और आंतरिक मतभेद

हालाँकि यह विलय दिखने में व्यापक एवं ऐतिहासिक है, लेकिन इसके साथ चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं:

  • जनार्दन शर्मा के नेतृत्व में माओवादी केंद्र के कुछ सदस्यों ने इस खेमे से अलग जाकर अपनी राह तय करने का निर्णय लिया है।
  • वाम-संगठन के भीतर कई बार विभाजन और पुनर्संयोजन होते रहे हैं — यह नया चरण भी इस क्रम का हिस्सा माना जा रहा है।
  • नए गठबंधन को 2026 के चुनाव-परिदृश्य, युवा मतदाताओं की अपेक्षाएँ तथा देश में बढ़ती भ्रष्टाचार-विरोधी भावनाओं का सामना करना होगा — इसे सफल बनाने के लिए रणनीति-निर्माण व नेतृत्व-प्रचार को मजबूती देनी होगी।

नेपाल एवं भारत-परिप्रेक्ष्य

  • नेपाल में राजनीतिक स्थिरता की तलाश लंबे समय से रही है। 2008 में राजशाही खत्म होने के बाद से यह देश कई सरकारों एवं गठबंधनों का गवाह रहा है।
  • भारत के लिए भी यह कदम महत्वपूर्ण है, क्योंकि नेपाल भारत-चीन के बीच संतुलन-की राजनीति में है और वाम-पक्षी गठबंधन में बदलाव का असर पड़ोसी देश और क्षेत्रीय राजनीति पर होगा।
  • नई पार्टी का गठन नेपाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया, क्षेत्रीय सुरक्षा व विकास-मॉडल के चलते देखा जा रहा है — विशेष रूप से युवा-उभरते मतदाता एवं सामाजिक परिवर्तन-आवेगों के दृष्टिकोण से।

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