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Thu. Nov 21st, 2024

बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल प्रदेश के मंडी से भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की सांसद Kangana Ranaut  एक बार फिर अपने बेबाक बयानों के कारण चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की मांग उठाई है। कंगना ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों को खुद इन कानूनों की मांग करनी चाहिए और इनका पुनर्स्थापन आवश्यक है।

Kangana Ranaut ने किसानों को रेखांकित करते हुए क्या कहा?

कंगना ने अपने बयान में किसानों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वे देश के विकास में एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, “मैं सभी किसानों से अपील करती हूं कि वे खुद मांग करें कि जो तीन कृषि कानून हैं, उन्हें फिर से लागू किया जाए।” उनके इस बयान में एक विवाद की संभावना जताई गई है, लेकिन कंगना का मानना है कि यह कदम उठाना चाहिए।

कंगना रनौत का यह बयान उस समय आया है जब कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए कंगना रनौत को निशाने पर लेते हुए कहा कि किसानों पर लादे गए तीन काले कानूनों को वापस लाना एक गंभीर मुद्दा है। पार्टी ने यह भी कहा कि, “कंगना रनौत का बयान यह दर्शाता है कि भा.ज.पा. सांसद फिर से इन कानूनों को लागू करने की योजना बना रहे हैं। हम यह स्पष्ट करते हैं कि किसानों के संघर्ष के दौरान 750 से ज्यादा किसान शहीद हुए थे, तब जाकर मोदी सरकार ने इन काले कानूनों को वापस लिया।”

कृषि कानून किसानों के खिलाफ थे-Kangana Ranaut 

कांग्रेस ने यह भी बताया कि ये कृषि कानून किसानों के खिलाफ थे और उनके कारण अनेक समस्याएं उत्पन्न हुई थीं। उन्होंने कहा कि अब, जबकि किसान अपनी आवाज़ को उठाने में सफल रहे हैं, इस तरह के कानूनों की वापसी नहीं होनी चाहिए, चाहे नरेंद्र मोदी और उनके सांसद कितनी ही कोशिशें कर लें।

गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भा.ज.पा. सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में संसद में तीन कृषि कानून पारित किए थे। इनमें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020; कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम, 2020; और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 शामिल हैं। इन कानूनों का किसानों ने vehemently विरोध किया और करीब एक साल तक दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दिया। अंततः, 2021 में पीएम मोदी ने इन तीनों कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की।

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कंगना रनौत का यह बयान स्पष्ट रूप से कृषि कानूनों के विषय पर एक नया विवाद उत्पन्न कर सकता है, विशेष रूप से जब कांग्रेस पार्टी पहले ही इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दे चुकी है। कंगना की इस मांग और कांग्रेस की आपत्ति ने कृषि कानूनों पर एक बार फिर से चर्चा को जन्म दे दिया है।

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