Kolkata के बालीगंज स्थित साउथ कलकत्ता ला कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जांच के सिलसिले में पुलिस ने पीड़िता और 3 आरोपितों के DNA लिए हैं. कॉलेज में मौजूद एक सहायक पुलिस आयुक्त ने बताया कि आयोग की सदस्य के अलावा उनके साथ आए दो अन्य लोगों को उनके मोबाइल नंबर नोट करने के बाद परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। अंदर वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी की अनुमति नहीं होगी।
Kolkata के बालीगंज स्थित साउथ कलकत्ता ला कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जांच के सिलसिले में पुलिस ने पीड़िता और 3 आरोपितों के DNA लिए हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि इसकी रिपोर्ट इस घटना की जांच में अहम होगी। साथ ही उनके पोशाक भी लिए गए हैं। वहीं पुलिस ने घटना का रीक्रिएशन किया है।
CCTV में कैद हुई घटना-
पीड़िता और उनके माता-पिता का बयान लिया गया है। पुलिस ने आरोपितों के माता-पिता से भी पूछताछ की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज के साथ पीड़िता का बयान पूरी तरह मेल खा रहा है। मसलन CCTV फुटेज में पीड़िता के साथ आरोपितों की तकरार, जबरन पीड़िता को कॉलेज के गेट से गार्ड रूम तक ले जाने आदि देखा गया है. इसी सिलसिले में पुलिस ने पीड़िता और 3 आरोपितों के DNA लिए हैं
कई संगठनों ने किया विरोध प्रगर्शन-
घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल के सदस्यों की संख्या 5 से बढ़ाकर 9 कर दी गई है। दूसरी ओर कोलकाता समेत राज्यभर में इस घटना के खिलाफ राजनीतिक दलों तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही हमें न्याय चाहिए के नारे भी लगाए गए।
बता दें कि ला कॉलेज के एक पूर्व छात्र, जो तृणमूल कांग्रेस का कार्यकर्ता बताया जा रहा है, ने गत 25 जून की रात दो वरिष्ठ छात्रों के साथ मिलकर संस्थान के सुरक्षाकर्मियों के कमरे में इस वारदात को अंजाम दिया था। इस घटना में तीनों आरोपितों व एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया गया है।
NCW की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया
बता दें कि कोलकाता के साउथ कलकत्ता ला कॉलेज की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की टीम ने रविवार को घटनास्थल का दौरा किया। आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए।
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