Delhi के वसंतकुंज के रंगपुरी गांव में एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना शुक्रवार सुबह उस समय सामने आई जब पड़ोसियों ने घर से बदबू आने की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया और वहां पांच शव बरामद किए, जो अलग-अलग कमरों में पड़े हुए थे।
पिता हीरालाल, जो पेशे से कारपेंटर थे, ने पहले अपनी चार दिव्यांग बेटियों को सल्फास खिलाया और फिर खुद भी वही जहरीला पदार्थ पी लिया। शवों के पास सल्फास की गोलियां और जूस की खाली टेट्रा पैक मिलीं। हीरालाल की पत्नी की एक साल पहले कैंसर से मृत्यु हो गई थी, जिससे वह मानसिक रूप से बेहद टूट गए थे। उनकी बेटियां—नीतू (18), निशि (15), नीरू (10), और निधि (8)—दिव्यांग थीं, जिनमें से एक को देखने में समस्या और दूसरी को चलने में दिक्कत थी।
Delhi :फ्लैट से बदबू आने पर पुलिस को बुलाया
दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के रंगपुरी गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों द्वारा जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की घटना का खुलासा शुक्रवार सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर पड़ोसियों द्वारा पुलिस को सूचना देने के बाद हुआ। घर से बदबू आने पर पड़ोसियों ने मकान मालिक व पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों से अंदर से बंद घर का दरवाजा तोड़ा तो पांच सड़े गले शव दो बैड पर अलग-अलग कमरे में पडे़ हुए थे।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच से लग रहा है कि पेशे के कारपेंटर रहे पिता हीरालाल ने पहले सभी को सल्फास खिलाया और बाद में खुद पी लिया। शवों के पास से पुलिस को सल्फास की गोलियां और कमरे के डस्टबिन में जूस के टेट्रा पैक और पानी की बोतल मिली थी।
कारपेंटर का काम करता था पीड़ित शख्स
दिल्ली पुलिस के मुताबिक पिता हीरलाल कारपेंटर का काम करता था। पत्नी की मौत एक साल पहले कैंसर से हुई थी। उसके बाद हीरलाल अकेला पड़ गया था। पत्नी की मौत की वजह से हीरालाल पूरी तरह टूट चुका था। हीरालाल सीसीटीवी फुटेज में 24 तारीख को घर के अंदर जाते दिखा है। हीरालाल पिछले 28 वर्षों से इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर, वसंत कुंज में बढ़ई के पद पर काम करता था। वह 25 हजार रुपये प्रति माह कमाता था। जनवरी 2024 से वह वहां अपनी ड्यूटी पर ठीक से नहीं जा पा रहा था।
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बेटियों के इलाज में रहता था व्यस्त
मृतक के भाई मोहन शर्मा और उनकी भाभी गुड़िया शर्मा के मुताबिक मृतक ने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद पारिवारिक मामलों में रुचि लेना बंद कर दिया था। हमेशा किसी न किसी अस्पताल में अपनी बेटियों के इलाज में व्यस्त रहता था। बेटियां शायद ही कभी अपने कमरे से बाहर निकलती थीं।
पुलिस का बयान
एफएसएल टीम को मौके से सबूत जमा करने के लिए बुलाया गया था। शुरूआती जांच में लग रहा है कि परिवार ने सल्फास नामक जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी की है। इसके पुलिस को इस बाबत सबूत भी मिले हैं। पुलिस ने दिल्ली में रहने वाले हीरा लाल के बड़े भाई जोगिंदर को घटना की सूचना दे दी थी। पुलिस को अभी तक सुसाइड नोट नहीं मिला है।