केंद्रीय गृह मंत्री Nitin Gadkari ने गुरुवार को मुंबई में एक टीवी कार्यक्रम के दौरान यह खुलासा किया कि उन्हें लोकसभा चुनावों से पहले और बाद में कई बार प्रधानमंत्री बनने की पेशकश की गई। जब उनसे पूछा गया कि क्या विपक्षी पार्टी के नेताओं ने उन्हें प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया था, तो गडकरी ने बिना हिचकिचाहट के कहा कि यह सही है।
गडकरी ने कहा, “मुझे ऐसी पेशकश कई बार की गई है, चुनाव से पहले और बाद में भी।” जब पत्रकारों ने यह जानना चाहा कि क्या उन्हें लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव मिला था, तो उन्होंने इस सवाल को टालते हुए कहा, “यह मीडिया के लिए है कि वे इस पर और जानकारी प्राप्त करें।”
मेरा लक्ष्य प्रधानमंत्री बनना नहीं है-Nitin Gadkari
इसके साथ ही, गडकरी ने स्पष्ट किया कि वह अपनी विचारधारा से किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “इस प्रस्ताव को स्वीकार करने का कोई सवाल नहीं है। मेरा लक्ष्य प्रधानमंत्री बनना नहीं है; मैं अपनी विचारधारा के अनुसार जी रहा हूं।” इस वक्तव्य से यह स्पष्ट होता है कि गडकरी की प्राथमिकता राजनीति में अपनी विचारधारा के प्रति निष्ठा बनाए रखना है।
गडकरी अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में, नागपुर में एक समारोह के दौरान उन्होंने मोदी सरकार में मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख रामदास अठावले के बारे में मजेदार टिप्पणी की। गडकरी ने कहा, “इस बात की गारंटी नहीं है कि हमारी सरकार चौथी बार लौटेगी, लेकिन यह निश्चित है कि रामदास अठावले चौथी बार मंत्री बनेंगे।” उनके इस बयान पर वहां मौजूद सभी लोग हंस पड़े, जिससे माहौल और भी हल्का हो गया।
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इससे पहले भी, इसी महीने नागपुर में एक अन्य समारोह के दौरान गडकरी ने प्रधानमंत्री पद को लेकर कहा था कि एक नेता ने उन्हें यह प्रस्ताव रखा था कि अगर वे प्रधानमंत्री बनते हैं, तो उसका समर्थन किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि यह नेता किस पार्टी से था। इस तरह के बयानों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और उनके संभावित राजनीतिक भविष्य पर चर्चा बढ़ा दी है। गडकरी का यह बयान उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं और भविष्य की योजनाओं के बारे में जिज्ञासा को और बढ़ा देता है, विशेषकर जब भारत में 2024 में आम चुनाव होने वाले हैं।