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Sun. Jul 13th, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतिहास रचते हुए नामीबिया की आधिकारिक यात्रा की, जो पिछले 27 वर्षों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। इस अवसर पर उन्होंने नामीबिया की संसद को संबोधित करते हुए भारत और नामीबिया के साझा संघर्ष, मूल्यों और सपनों पर बल दिया।

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भारत और नामीबिया का अतीत और भविष्य एक-दूसरे से गहराई से जुड़ा है। उन्होंने कहा, “हम दोनों ने औपनिवेशिक शोषण का सामना किया है, स्वतंत्रता के लिए लंबा संघर्ष किया है और अब लोकतंत्र, समानता, स्वतंत्रता और न्याय जैसे साझा मूल्यों में विश्वास रखते हैं।”

भारत- नामीबिया: ऐतिहासिक रिश्ते और साझा मूल्य

भारत और नामीबिया के बीच संबंध केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और भावनात्मक भी हैं। भारत ने नामीबिया के स्वतंत्रता संग्राम के समय खुले तौर पर उसका समर्थन किया था। नामीबिया की आज़ादी के बाद भी भारत ने शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में निरंतर सहयोग किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर ज़ोर दिया कि दोनों देशों को अपने ऐतिहासिक संबंधों को आगे बढ़ाते हुए आधुनिक युग के अनुरूप नई दिशा देनी चाहिए। “आज भारत और नामीबिया सिर्फ दोस्त नहीं हैं, बल्कि रणनीतिक साझेदार भी हैं,” उन्होंने कहा।

भविष्य के लिए साझा विज़न

पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत, विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

स्वास्थ्य एवं शिक्षा: भारतीय मेडिकल यूनिवर्सिटीज़ और टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स में छात्रों को स्कॉलरशिप दी जा रही है।

ऊर्जा और पर्यावरण: भारत, NAMIBIA को सोलर टेक्नोलॉजी और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में तकनीकी सहायता देगा।

डिजिटल इंडिया मॉडल का विस्तार: भारत की डिजिटल क्रांति के अनुभवों को नामीबिया में साझा करने की योजना है।

सांस्कृतिक और जन-जनों का रिश्ता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और नामीबिया का संबंध सरकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जनता-से-जनता का रिश्ता है। उन्होंने भारतीय समुदाय से संवाद करते हुए कहा कि “आप यहां भारत की आत्मा के प्रतिनिधि हैं। आपके माध्यम से हमारी मित्रता और गहरी होगी।”

वैश्विक मंच पर सहयोग

भारत और नामीबिया, दोनों देश वैश्विक मंचों पर विकासशील देशों के हितों की आवाज़ उठाने में एकमत हैं। जलवायु परिवर्तन, वैश्विक व्यापार, और वैश्विक दक्षिण के मुद्दों पर दोनों देशों का रवैया समान रहा है।

पीएम मोदी ने यह भी आश्वासन दिया कि , मित्र राष्ट्रों के साथ मिलकर एक संतुलित और न्यायसंगत विश्व व्यवस्था की दिशा में काम करता रहेगा।

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