PM Modi शनिवार को तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर जा रहे हैं। इस यात्रा का प्रमुख आकर्षण अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से विमिंगटन, डेलावेयर में मुलाकात होगी, जो बाइडेन का गृह नगर है। मोदी की इस यात्रा को दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है।
ट्रंप ने PM Modi से मुलाकात करने का दावा किया
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यह दावा किया कि पीएम मोदी की उनसे भी मुलाकात होगी। हालांकि, इस दावे पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि मुलाकात की संभावना पूरी तरह से खारिज नहीं की गई है। ट्रंप का यह बयान उनके राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह भारत के साथ अपने रिश्तों को फिर से जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं।
यूक्रेन और रूस के बीच युद्धविराम पर चर्चा
इस यात्रा का एक प्रमुख मुद्दा यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध का समाधान होगा। पीएम मोदी ने हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ बातचीत की थी, और अब वह बाइडेन के साथ इस मुद्दे पर आगे की चर्चा कर सकते हैं। दोनों नेताओं के बीच संभावित वार्ता युद्धविराम के प्रयासों को गति देने और शांति स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता की आवश्यकता
मोदी की अमेरिका यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना है। वह इस संदर्भ में ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं को भी संबोधित करेंगे। पीएम मोदी 21 सितंबर को विलमिंगटन में वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां वह बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ मिलकर क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस सम्मेलन में गाजा और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
क्वाड शिखर सम्मेलन की तैयारी और नई पहलें
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि क्वाड शिखर सम्मेलन में कई नई पहलों की घोषणा की जाएगी, जिसमें कैंसर के रोगियों और उनके परिवारों के लिए एक नई योजना शामिल है। यह योजना कैंसर के उपचार, रोकथाम और पहचान के उपायों को मजबूत करने पर केंद्रित होगी। इसके अलावा, सम्मेलन में स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, और आतंकवाद विरोधी सहयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
भारत की भूमिका पर जोर
मिस्री ने यूक्रेन संघर्ष में भारत की संभावित भूमिका पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि भारत इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण साझेदारों और नेताओं के साथ कई बातचीत में शामिल है। ये वार्ताएँ वर्तमान में प्रगति पर हैं, और परिणामों के बारे में समय पर जानकारी दी जाएगी। भारत की यह भूमिका इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण शांति-निर्माता के रूप में स्थापित कर सकती है।
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यात्रा के दौरान, पीएम मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित करेंगे। इस मंच पर वे वैश्विक चुनौतियों, जैसे जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य संकट और प्रौद्योगिकी के विकास पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, वह अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन में भी शामिल होंगे, जिससे भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक सहयोग को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह अमेरिका यात्रा कई महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा का एक मंच प्रदान करेगी। युद्धविराम के प्रयासों से लेकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता तक, यह यात्रा न केवल भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि वैश्विक शांति और प्रगति में भी योगदान देगी। पीएम मोदी की यह यात्रा भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमिका को और मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।