यूपी के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच का राजनीतिक विवाद इन दिनों गर्माया हुआ है। दोनों नेताओं ने हाल ही में अपने बयानों के माध्यम से एक-दूसरे पर तीखे आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं। इस विवाद में बुलडोजर, भेड़िए और डीएनए जैसे मुद्दे शामिल हो गए हैं, और यह विवाद अब व्यक्तिगत हमलों तक पहुँच चुका है।
आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को बहराइच में आयोजित एक समारोह में कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में लूट-खसोट का माहौल था। उन्होंने बहराइच के आदमखोर भेड़ियों की तुलना उस समय की प्रदेश सरकार से की और आरोप लगाया कि पूर्व की सरकार ने प्रदेश के युवाओं और व्यापारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। सीएम योगी ने कहा कि पहले के नेताओं ने जाति, मत और मजहब के आधार पर समाज को बांटने का काम किया और प्रदेश को दंगों की आग में झोंका। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने पूरी ईमानदारी से काम किया और इस दौरान प्रदेश को विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।
सीएम ने यह भी कहा कि उनके शासनकाल में न केवल शासन में सुधार हुआ है, बल्कि प्रदेश अब रेवेन्यू सरप्लस भी बन चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं थे, लेकिन अब प्रदेश के पास विकास के लिए पर्याप्त राजस्व है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार और बेईमानी पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कदम उठाए हैं और ऐसे तत्वों की संपत्तियों को गरीबों में बांटने का भी काम किया जाएगा।
बुलडोजर में दिमाग नहीं होता-अखिलेश यादव
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना करते हुए कहा कि बुलडोजर में दिमाग नहीं होता, केवल स्टीयरिंग होता है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि जनता या दिल्ली वाले कभी भी स्टीयरिंग बदल सकते हैं। अखिलेश ने सीएम योगी पर यह भी आरोप लगाया कि वे समाजवादियों के डीएनए की चिंता कर रहे हैं, लेकिन खुद डीएनए की फुल फॉर्म तक नहीं जानते। उन्होंने सवाल किया कि क्या सीएम आवास का नक्शा पास है या नहीं और अगर पास है तो कब पास हुआ।
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अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर को असंवैधानिक करार दिया है और मुख्यमंत्री को इसके इस्तेमाल के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने लखनऊ के एक अवैध होटल पर बुलडोजर न चलाए जाने पर भी सवाल उठाया, जिसमें आग लगने से कई लोगों की जानें गईं। अखिलेश ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का अहंकार उनके और अधिकारियों के बीच की कार्यक्षमता को प्रभावित कर रहा है और उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है।
इस तरह, उत्तर प्रदेश की राजनीति में योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच का यह विवाद नए मोड़ लेता जा रहा है और आगामी चुनावों में इसकी छाया देखने को मिल सकती है।