उत्तराखंड के गौरीकुंड में भूस्खलन की घटना में 17 लोग अभी भी लापता हैं जबकि तीन शव बरामद किए जा चुके हैं। शनिवार को भी राहत और बचाव कार्य जारी है।
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रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): उत्तराखंड में गौरीकुंड के पास अचानक आई बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन के बाद लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान शनिवार को भी जारी है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी के अनुसार, स्थानीय प्रशासन की एक टीम के साथ एनडीआरएफ एसडीआरएफ के 100 जवान तलाश अभियान में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लापता लोगों को खोजने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
17 लोग अभी भी लापता
अधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खोज और बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए घटनास्थल का दौरा करने वाले हैं। रजवार ने कहा कि अब तक तीन शव मिले हैं और 17 लोग लापता हैं। शुक्रवार रात में अंधेरा और बारिश के चलते तलाशी अभियान रोक दिया गया था जिसे शनिवार तड़के फिर से शुरू कर दिया गया।
डाट पुलिया के पास हुआ हादसा
बृहस्पतिवार और शुक्रवार की दरमियानी रात को केदारनाथ के रास्ते में गौरीकुंड के पास डाट पुलिया के निकट अचानक आई बाढ़ के बाद हुए भूस्खलन में तीन दुकानें बह गई थीं और 20 लोग लापता हो गए थे। जिस स्थान पर दुकानें थीं, उससे करीब 50 मीटर नीचे मंदाकिनी नदी बहती है।
तीन नेपाली श्रद्धालुओं के शव बरामद
उधर, नेपाल सरकार के गोरखपत्र दैनिक के अनुसार गौरीकुंड में नेपाल के तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गयी जबकि 8 अन्य लापता हो गए हैं। नेपाल के अधिकारियों ने बताया कि जहां नेपाली नागरिक ठहरे हुए थे वह पूरा होटल भूस्खलन में ध्वस्त हो गया। तीनों नेपाली श्रद्धालु पटसारी के ही थे। नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नारायण प्रसाद भट्टारई ने कहा कि सरकार को इस त्रासदी की सूचना मिली है और उन नेपाली नागरिकों के बचाव के लिए जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं जो इस घटना में लापता हैं। नेपाल का कंचनपुर जिला भारत के उत्तराखंड से सटा है। (इनपुट-भाषा)
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