यरुशलम/बेरूत: हाल के घटनाक्रम में, Hezbollah ने शुक्रवार को उत्तरी इजरायल पर 140 से अधिक रॉकेट दागे। इस हमले के जवाब में, इजरायली सेना ने लेबनान के बेरूत में एक गंभीर सैन्य कार्रवाई की, जिसमें हिजबुल्लाह के रदवान फोर्स के कमांडर इब्राहिम अकील के मारे जाने की संभावना जताई गई है। लेबनानी स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि अकील इजरायली हमले में मारे गए थे या नहीं। इस हमले के दौरान कम से कम आठ लोग मारे गए और 59 अन्य घायल हुए हैं।
इब्राहिम अकील का निधन
हिजबुल्लाह के एक करीबी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर पुष्टि की कि अकील उस समय एक इमारत में मौजूद था जब उसे निशाना बनाया गया। अकील हिजबुल्लाह की एलीट रदवान फोर्स का प्रमुख रह चुका है और उसे 1983 में बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर बमबारी में कथित भूमिका के लिए अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित किया गया था। उस पर लेबनान में अमेरिकी और जर्मन नागरिकों को बंधक बनाने का भी आरोप है।
Hezbollah का हमला
हिजबुल्लाह के हमले की शुरुआत तब हुई जब समूह के नेता हसन नसरल्लाह ने इजरायल पर बड़े पैमाने पर बमबारी का बदला लेने की कसम खाई थी। शुक्रवार की सुबह, हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजरायल में 140 रॉकेट दागे, जिसका लक्ष्य लेबनान से लगी सीमा पर इजरायली ठिकाने थे। इजरायली सेना ने बताया कि यह हमले तीन दौर में किए गए, जिनमें गोलान पहाड़ियों, साफेद और ऊपरी गैलिली के क्षेत्रों में 120 मिसाइलें दागी गईं।
Hezbollah के रॉकेटों का निशाना
हिजबुल्लाह ने स्पष्ट किया कि उसने कई हवाई रक्षा अड्डों और एक इजरायली बख्तरबंद ब्रिगेड के मुख्यालय को कत्युशा रॉकेटों से निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब इन ठिकानों पर हमला किया गया है।
इजरायली सेना का जवाबी हमला
इजरायली सेना ने अपने हमले के दौरान यह भी कहा कि उनमें से कुछ रॉकेट हवा में ही नष्ट कर दिए गए। हालांकि, इजरायली सेना ने यह नहीं बताया कि क्या किसी मिसाइल ने लक्ष्य को भेदा या हताहत हुआ। रिपोर्टों के अनुसार, मेरोन और नेटुआ क्षेत्रों में दागी गई 20 मिसाइलों में से अधिकांश खुले क्षेत्रों में गिरीं, और किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
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स्थानीय हालात और प्रतिक्रिया
हमले के बाद, अग्निशामक दल कई क्षेत्रों में मलबे से लगी आग बुझाने में जुटे रहे। इस स्थिति ने क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है, और इजरायल ने लेबनान सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या को और अधिक बढ़ा दिया है। दोनों पक्षों के बीच यह बढ़ता तनाव भविष्य में और अधिक संघर्ष को जन्म दे सकता है, जो स्थानीय नागरिकों के लिए खतरा बन सकता है।
इस घटनाक्रम ने मध्य पूर्व में सुरक्षा स्थिति को और जटिल बना दिया है। हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच बढ़ती घटनाएं दर्शाती हैं कि संघर्ष की संभावना हमेशा बनी रहती है। इन स्थितियों में सभी पक्षों के लिए संयम बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण होगा, ताकि क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।