हाल ही में, Supreme Court ने स्पष्ट किया था कि किसी आरोपी के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जा सकती और नियमों का पालन अनिवार्य है। इसके बावजूद, दिल्ली पुलिस अब ड्रग्स पैडलर्स के खिलाफ कार्रवाई की योजना बना रही है, जिसमें बुलडोजर का उपयोग करने का भी जिक्र किया गया है। पुलिस का तर्क है कि ये ड्रग्स पैडलर्स अपने अवैध काम को कई इमारतों में अंजाम दे रहे हैं।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, उनकी जांच में पाया गया है कि कई ऐसी इमारतें हैं, जिन्हें ड्रग्स पैडलर्स ने अवैध रूप से बनाया है। इस वजह से, दिल्ली पुलिस ने एमसीडी (म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली) से इन इमारतों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, ज्यादातर ऐसी इमारतें नॉर्थ ईस्ट और वेस्ट दिल्ली में स्थित हैं और ये उन लोगों की हैं, जिन्हें पहले भी गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा किया गया।
पुलिस ने कहा कि पहले इन ड्रग्स पैडलर्स के खिलाफ महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MACOCA) के तहत कार्रवाई की योजना बनाई गई थी, लेकिन आवश्यक सबूत न मिलने के कारण यह संभव नहीं हो सका। अब पुलिस ने एमसीडी से कहा है कि समय रहते बुलडोजर कार्रवाई की जाए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस मामले पर लंबे विचार-विमर्श के बाद ही निर्णय लिया गया कि इन पैडलर्स के खिलाफ एक अलग रणनीति अपनाई जाएगी।
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दिल्ली पुलिस चाहती है कि एमसीडी केवल इमारतों के कुछ हिस्सों को न गिराए, बल्कि पूरी बिल्डिंग को गिराने की कार्रवाई की जाए। एमसीडी ने भी पुष्टि की है कि वह प्रक्रिया शुरू कर चुकी है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने अवैध निर्माण के मामले में बुलडोजर के इस्तेमाल को सही ठहराया था, लेकिन विस्तृत गाइडलाइन के अभाव में इसका दुरुपयोग किया जा रहा है।