Jharkhand Bridge Collapse: बिहार के बाद अब झारखंड में एक निर्माणाधीन पुल ढह गया है. गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड में अरगा नदी पर बन रहे पुल का एक पिलर भारी बारिश के कारण ढह गया, जिससे गार्डर टूट गया और पुल ध्वस्त हो गया.
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. यह घटना झारखंड की राजधानी रांची से करीब 235 किलोमीटर दूर दियोली इलाके में शनिवार शाम को हुई. डोमरीतला और कालीपहाड़ी गांवों को जोड़ने के लिए फतेहपुर-भलावती रोड पर एक पुल का निर्माण किया जाएगा.
Jharkhand Bridge Collapse: ऊंची कीमत पर इसे तैयार किया जा रहा था
हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पुल के निर्माण में 55 लाख रुपये की लागत आई है.
पुल निर्माण जारी है
गिरिडीह पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता विनय कुमार ने कहा, पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. शनिवार की शाम भारी बारिश के कारण पुल का एक बीम टूट गया, जिससे सपोर्ट झुक गया. ठेकेदार को हिस्से के पुनर्निर्माण का काम सौंपा गया था. हालांकि, उन्होंने पुल परियोजना की लागत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी.
एक सप्ताह पहले ही काम पूरा हुआ था
अधिकारियों ने कहा कि पुल के निर्माण में लगभग 5,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी. यह झारखंड के सुदूर गिरिडीह गांव को बिहार के जमुई जिले से जोड़ता है. एक अन्य इंजीनियर ने कहा कि पुल का फॉर्मवर्क एक सप्ताह पहले पूरा हो गया था और इसे मजबूत करने में कम से कम 28 दिन लगे.
बिहार में घटनाएं हो रही हैं
इस बीच बिहार में एक के बाद एक पुल टूट रहे हैं. पिछले 10 से 15 दिनों में बिहार में ढहने वाला यह पांचवां पुल है. आखिरी वाले बेजा कोसी बांध चौक के पास लालवलही से मदुबनी जिले के मदेपुर ब्लॉक में महापत्या मुख्य सड़क तक चलते हैं. ग्रामीणों के मुताबिक फिलहाल पुल का शटर बंद करने का काम चल रहा है. तभी भूतिया बरसाती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया और पुल के बीम पानी के तेज बहाव में बह गये. ग्रामीणों के मुताबिक, जब पुल का बीम टूटा तो लोगों को लगा कि पुल ढह गया है.
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मधपुर क्षेत्र में बेहवार बरन नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है. कुछ लोगों का कहना था कि पूल टूटा नहीं है बल्कि यह जल विभाजक है.
Jharkhand: पुल के निर्माण में 2.98 अरब रुपये की लागत आई है.
पुल के निर्माण में 2.98 अरब रुपये की लागत आई है. दो स्तंभों के बीच बीम की सुरक्षा के लिए चार-स्तंभ पुल में स्टॉर्म हैच लगाए गए थे. इस घटना के बाद विभाग के जे ए माजरी और उपयंत्री ने मौके का निरीक्षण किया. मुख्य इंजीनियर पुल सेंसर को पुल के पुनर्निर्माण का आदेश देता है. काम मिलने के बाद ठेकेदार पानी सूखने के बाद बीम दोबारा जोड़ने को कहता है.